नी मैं कमली होई Nee Main Kamali Hoi
रूप सलोना देख श्याम का,
सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।
सखी पनघट पर,
यमुना के तट पर,
लेकर पहुंची मटकी,
भूल गयी सब,
एक बार ही जब,
छवि देखि नटखट की,
देखत ही में हुई बावरी,
उसी रूप में खोयी,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।
कदम के नीचे,
अखियां मीचे,
खड़ा था नन्द का लाला,
मुख पर हंसी,
हाथ में बंसी,
मोर मुकुट माला,
तान सुरीली मधुर नशीली,
तान सुरीली मधुर नशीली,
तनमन दियो भिगोई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।
सास ननद मुझे,
पल पल कोसे,
हर कोई देवे ताने,
बीत रही मुझ बिरहन पर,
ये कोई ना जाने
पूछे सब निर्दोष बावरी,
तट पे तू कहे गयी,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।
रूप सलोना देख श्याम का,
सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई। रूप सलोना देख श्याम का,
सुध बुध मेरी खोयी,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई,
नी मैं कमली होई।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Krishna Bhajan Lyrics Hindi