प्रभु कैसा खेल रचाया है ये मेरी समझ नहीं आया है लिरिक्स Prabhu Kaisa Khel Rachaya Lyrics

प्रभु कैसा खेल रचाया है ये मेरी समझ नहीं आया है लिरिक्स Prabhu Kaisa Khel Rachaya Lyrics, Prabhu Kaisa Khel Rachaya Hai Ye Meri Samajh Nahi Aaya Hai

प्रभु कैसा खेल रचाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने ये आकाश बनाया है,
नहीं खंभा एक लगाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने इतने पेड़ बनाये है,
तू बीज कहां से लाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने कितने फूल खिलाये है,
तू रंग कहां से लाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने कितने इंसान बनाये है,
तू सांस कहां से लाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
पर मेरी समझ नहीं आया है।

तूने चाँद और सितारे बनाये है,
इन्हे तूने कैसे चिपकाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है।

प्रभु कैसा खेल रचाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है।
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
ये मेरी समझ नहीं आया है,
प्रभु कैसा खेल रचाया है,
पर मेरी समझ नहीं आया है।


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