सतगुरु जी मेरे हैं शाहों के शाह Satguruji Mere Hain Shoho

सतगुरु जी मेरे हैं शाहों के शाह लिरिक्स Satguruji Mere Hain Shoho Ke Shah Lyrics, Satgurdev Bhajan

सतगुरु जी मेरे हैं,
शाहों के शाह,
कुर्बान इन पर दो जहाँ,
सतगुरु जी मेरे हैं,
शाहों के शाह,
कुर्बान इन पर दो जहाँ।

कलयुग में आयें हैं,
जग को तारने,
हम भटकें जीवों,
को राह दिखाने,
उपकार हैं किये
जीवों पे महान जी,
ना भुलायें जायेंगे,
आपके एहसान जी,
गुणगान इनके,
क्या गायें जुबां,
कुर्बान इन पर दो जहाँ,
सतगुरु जी मेरे हैं,
शाहों के शाह,
कुर्बान इन पर दो जहाँ।

भक्ति मुक्ति के,
हैं ये भण्डारी,
फैली त्रिलोकी में,
महिमा हैं न्यारीं,
बक्शते हैं रात दिन,
दात सच्चे नाम की,
ना फिक्र हैं कुछ,
अपने आराम की,
सुखों का खज़ाना रहे हैं लुटा,
कुर्बान इन पर दो जहाँ,
सतगुरु जी मेरे हैं,
शाहों के शाह,
कुर्बान इन पर दो जहाँ।

रहमतों के ये सागर,
ये दाता दयाल जी,
एक झलक में करते,
सबकों निहाल जी,
जिसनें भी हैं लिया,
आपका आधार जी,
वो सहज मे हो जाये,
भवसागर से पार जी,
चुमें कदम उनके मंजिल सदा,
कुर्बान इन पर दो जहाँ,
सतगुरु जी मेरे हैं,
शाहों के शाह,
कुर्बान इन पर दो जहाँ।

दास की विनती हैं,
आपसे स्वामी,
चरणों में तेरे बीते,
मेरी जिन्दगानीं,
यूहीं निहारता रहूँ,
मैं सदा छवि तेरी,
आपके दीदार बिन,
गुजरें ना इक घड़ी,
चाहूँ सदा तुझसे तेरी दया,
कुर्बान इन पर दो जहाँ,
सतगुरु जी मेरे हैं,
शाहों के शाह,
कुर्बान इन पर दो जहाँ।
सतगुरु जी मेरे हैं,
शाहों के शाह,
कुर्बान इन पर दो जहाँ,
सतगुरु जी मेरे हैं,
शाहों के शाह,
कुर्बान इन पर दो जहाँ।


Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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