भगता नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अंबे दे प्यार दी,
ऐसी चडगई नाम खुमारी,
सुध नहीं घर बार दी,
भगता नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अंबे दे प्यार दे।
चलो अम्बे दरबार च,
छड के घर झूठे संसार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती जय हो,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मस्ती मस्ती मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मिले मिटा के हस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
आए ने नराते असी,
खुशियां मनाऊं निया,
सारी सारी रात नच,
भेटां अज्ज गाउनिया,
ऐसी चढ़ गई नाम खुमारी,
सूरत नहीं घर बार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती जय हो,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
एह मस्ती मस्ती मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मिले मिटा के हस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
जो भी इस मस्ती च,
होया मस्ताना ए,
ओहनू फिर भूल जांदा,
अपना बेगाना ए,
एहिओ मस्ती हर बंदे नू,
भवसागर तो तारदी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती जय हो,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
एह मस्ती मस्ती मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मिले मिटा के हस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
लोकी सानु कहन्दे ने,
दीवाने कहन्दे रेहन दो,
सागर प्रीता दे रज रज बेह्न दो।
हो गए मसत सैकटर वाले,
महिमा तक दरबार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती जय हो,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
एह मस्ती मस्ती मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मिले मिटा के हस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
भगता नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अंबे दे प्यार दी,
ऐसी चढ गई नाम खुमारी,
सुध नहीं घर बार दी,
भगता नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अंबे दे प्यार दे।
मस्ती अंबे दे प्यार दी,
ऐसी चडगई नाम खुमारी,
सुध नहीं घर बार दी,
भगता नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अंबे दे प्यार दे।
चलो अम्बे दरबार च,
छड के घर झूठे संसार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती जय हो,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मस्ती मस्ती मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मिले मिटा के हस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
आए ने नराते असी,
खुशियां मनाऊं निया,
सारी सारी रात नच,
भेटां अज्ज गाउनिया,
ऐसी चढ़ गई नाम खुमारी,
सूरत नहीं घर बार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती जय हो,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
एह मस्ती मस्ती मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मिले मिटा के हस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
जो भी इस मस्ती च,
होया मस्ताना ए,
ओहनू फिर भूल जांदा,
अपना बेगाना ए,
एहिओ मस्ती हर बंदे नू,
भवसागर तो तारदी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती जय हो,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
एह मस्ती मस्ती मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मिले मिटा के हस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
लोकी सानु कहन्दे ने,
दीवाने कहन्दे रेहन दो,
सागर प्रीता दे रज रज बेह्न दो।
हो गए मसत सैकटर वाले,
महिमा तक दरबार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती जय हो,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
एह मस्ती मस्ती मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
एह मिले मिटा के हस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी,
भगतां नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अम्बे दे प्यार दी।
भगता नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अंबे दे प्यार दी,
ऐसी चढ गई नाम खुमारी,
सुध नहीं घर बार दी,
भगता नू चढ़ गई मस्ती,
मस्ती अंबे दे प्यार दे।
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ऐसी चडगई नाम खुमारी सुध नहीं घर बार दी
भगता नू चढ़ गई मस्ती मस्ती अंबे दे प्यार दे
Author - Saroj Jangir
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