तेरे डमरू की धुन पे आज जगत ये नांचे रै लिरिक्स
हे शिव शंकर कैलाशी,
ओमकारा तू अविनाशी,
तू कण कन का है वासी,
तू है काशी का निवासी,
तेरा डम डम डम डम,
डम डम डमरू बाजे रे
तेरे डमरू की धुन पे,
आज जगत ये नांचे रै।
है रूप तेरा अलबेला,
ओ भोले भंडारी,
हुई दुनिया दीवानी तेरी,
शिव भोले त्रिपुरारी,
तेरे शिवालय पे आते हैं,
सारे नर व नारी,
तेरे चरणों में झुकती है,
आकर ये दुनिया सारी,
तेरा डम डम डम डम,
डम डम डमरू बाजे रे
तेरे डमरू की धुन पे,
आज जगत ये नांचे रै।
तूने अपना प्यार है बांटा,
जिसने तुझको ध्याया,
वरदानी तेरी दया का,
वर सबने है पाया,
तेरी नज़र में सब है बराबर,
कोई छोटा ना ही बड़ा है,
इस लिए ही लोक ये तीनों तेरे,
चरणों में ही पड़ा है,
तेरा डम डम डम डम,
डम डम डमरू बाजे रे
तेरे डमरू की धुन पे,
आज जगत ये नांचे रै।
अंत तुम्हीं हो भोला,
तुम हो पहला नंबर,
तेरे जय जय कार से,
गूंजे ये धरती ये अम्बर,
लिखे महिमा तेरी कुंदन,
हे नन्दी के असवारी,
राधिका की भाग्य की रेखा,
भोले तूने ही संवारी,
तेरा डम डम डम डम,
डम डम डमरू बाजे रे
तेरे डमरू की धुन पे,
आज जगत ये नांचे रै।
हे शिव शंकर कैलाशी,
ओमकारा तू अविनाशी,
तू कण कन का है वासी,
तू है काशी का निवासी,
तेरा डम डम डम डम,
डम डम डमरू बाजे रे
तेरे डमरू की धुन पे,
आज जगत ये नांचे रै।
भगवान श्री शिव जी महादेव हैं, कालेश्वर हैं और देवों के देव हैं। भगवान शिव के कई नामों से एक नाम "अविनाशी" है, जिसका अर्थ है "अविनाशी" या "अमर।" अमरता: शिव अविनाशी हैं, जो जन्म मरण के बंदन से मुक्त हैं, ना तो उनका जन्म हुआ है और नाही उनकी मृत्यु ही होती है, वे काल के अधीन नहीं हैं। श्री शिव मृत्यु या विनाश के अधीन नहीं हैं। यह उनके नाम अविनाशी में परिलक्षित होता है, जो उनकी अविनाशीता और शाश्वत प्रकृति पर जोर देता है।
Damroo Ki Dhun | Special Shivratri Bhajan | Radhika Gargi | Shiv Bhajan | Shiv Bholenath Bhajan |
Singer : Pandit Pradeep Mishra
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