डिठ्ठे सभे थाव नहीं लिरिक्स मीनिंग Dithe Sabhe Thav Nhi Tudh Meaning

The Shabad is by Guru Arjan Dev Ji. It’s in the Guru Granth Sahib. It’s on page 1362. The hymn is about God’s unmatched beauty. It says no place is like the Creator. God’s greatness is established by Himself. Ramdaspur is described as beautiful. It’s called Ramdas Sar. The hymn says bathing there washes sins. It’s a spiritual experience. The Shabad is sung by many. It’s a part of Sikh worship. It brings peace to listeners. It’s a divine message. It’s sung in Gurmukhi. It’s cherished by Sikhs. It’s a guide to spirituality. It’s a praise of the divine. It’s timeless. It’s profound. 

डिठ्ठे सभे थाव नहीं लिरिक्स मीनिंग Dithe Sabhe Thav Nhi Tudh Meaning

डिठ्ठे सभे थाव नहीं लिरिक्स मीनिंग Dithe Sabhe Thav Nhi Tudh Lyrics Meaning

Dithe Sabhe Thanv Lyrics in Gurmukhi
 
ਡਿਠੇ ਸਭੇ ਥਾਵ ਨਹੀ ਤੁਧੁ ਜੇਹਿਆ ॥
ਬਧੋਹੁ ਪੁਰਖਿ ਬਿਧਾਤੈ ਤਾਂ ਤੂ ਸੋਹਿਆ ॥
ਵਸਦੀ ਸਘਨ ਅਪਾਰ ਅਨੂਪ ਰਾਮਦਾਸ ਪੁਰ ॥
ਹਰਿਹਾਂ ਨਾਨਕ ਕਸਮਲ ਜਾਹਿ ਨਾਇਐ ਰਾਮਦਾਸ ਸਰ ॥੧੦॥

ਡਿਠੇ ਸਭੇ ਥਾਵ ਨਹੀ ਤੁਧੁ ਜੇਹਿਆ Meaning in Gurumukhi

ਡਿਠੇ - ਦੇਖੇ
ਸਭੇ - ਸਾਰੇ
ਥਾਵ - ਸਥਾਨਾਂ
ਨਹੀ - ਨਹੀਂ
ਤੁਧੁ - ਤੁਸੀਂ
ਜੇਹਿਆ - ਜਿਵੇਂ
ਬਧੋਹੁ - ਬਾਂਧਣਾ
ਪੁਰਖਿ - ਪਰਮਾਤਮਾ
ਬਿਧਾਤੈ - ਵਿਧਾਤਾ (ਜੇਵਡ਼ਾ ਖ਼ੁਦਾਂ)
ਤਾਂ - ਤਾਂ (ਇਸ ਕਾਰਨ ਨਹੀਂ ਕਿ ਇਸ ਦੀ ਪੂਰੀ ਭਾਵ ਕੋਈ ਅਰਥ ਨਹੀਂ ਦਿੰਦਾ)
ਤੂ - ਤੁਸੀਂ
ਸੋਹਿਆ - ਸੁੰਦਰ ਲਗਦੇ ਹੋ
ਵਸਦੀ - ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ
ਸਘਨ - ਵਿਸ਼ਾਲ
ਅਪਾਰ - ਅਸੰਖਿਆਂ ਵਾਲਾ
ਅਨੂਪ - ਅਨੋਖਾ
ਰਾਮਦਾਸ ਪੁਰ - ਰਾਮਦਾਸ ਸਰਾਂਗਪੁਰ (ਏਕ ਪਵਿੱਤਰ ਸਥਾਨ)
ਹਰਿਹਾਂ
- ਹਰੀ ਦਾ ਹਾਂ
ਨਾਨਕ - ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ
ਕਸਮਲ - ਪਾਪ
ਜਾਹਿ - ਦੂਰ ਹੋਣਾ
ਨਾਇਐ - ਸਿਮਰਨ ਕਰਨਾ
ਰਾਮਦਾਸ ਸਰ - ਰਾਮਦਾਸ ਸਰਾਂਗਪੁਰ ਦਾ ਗੁਰੂ ਸਾਹਿਬ (ਏਕ ਪਵਿੱਤਰ ਸਥਾਨ)
ਸਰ - ਸਾਹਿ

ਹੇ ਨਾਨਕ! ਹੇ ਰਾਮ ਦੇ ਦਾਸਾਂ ਦੇ ਸਰੋਵਰ! ਇਸ਼ਨਾਨ ਕੀਤਿਆਂ! ਪਾਪ ਦੂਰ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਹੇ ਰਾਮ ਦੇ ਦਾਸਾਂ ਦੇ ਸ਼ਹਰ! ਤੇਰੇ ਅੰਦਰ ਉੱਚੇ ਆਤਮਕ ਗੁਣਾਂ ਦੀ ਵੱਸੋਂ ਬਹੁਤ ਸੰਘਣੀ ਹੈ, ਬੇਅੰਤ ਹੈ, ਬੇ-ਬਿਸਾਲ ਹੈ। ਹੇ ਰਾਮ ਦੇ ਦਾਸਾਂ ਦੇ ਸ਼ਹਰ! ਮੈਂ ਹੋਰ ਸਾਰੇ ਥਾਂ ਵੇਖ ਲਏ ਹਨ, ਤੇਰੇ ਬਰਾਬਰ ਦਾ ਨਹੀਂ ਦਿੱਸਿਆ। ਹੇ ਰਾਮ ਦੇ ਦਾਸਾਂ ਦੇ ਸ਼ਹਰ! ਤੇਰੀ ਨੀਂਹ ਅਕਾਲ ਪੁਰਖ ਸਿਰਜਣਹਾਰ ਨੇ ਆਪ ਰੱਖੀ ਹੋਈ ਹੈ, ਇਸੇ ਵਾਸਤੇ ਤੂੰ ਸੋਹਣਾ ਦਿੱਸਦਾ ਰਿਹਾ ਹੈਂ।

डिठ्ठे सभे थाव नहीं हिंदी लिरिक्स

डिठ्ठे सभे थाव नहीं तुध जेहेआ
बद्धोहु पुरख बिधाते ता तू सोहेआ
वसदी सघन अपार अनूप रामदास पुर
हरिहाँ नानक कसमल जाहि न्हाईअै रामदास सर

डिठ्ठे सभे थाव नहीं हिंदी हिंदी मीनिंग


दित्थे - देखा गया
सभे - सभी
थांव - स्थान
नहीं - नहीं
तुधु - तुझ जैसा
जेहिआ - कोई नहीं
वस्दी - रहता है
सघन - विशाल
अपार - असीम
अनूप - अनोखा
रामदास - गुरु रामदास जी
पुर - गुरुद्वारा
हरि - हरि (भगवान)
हां - हाँ
नानक - गुरु नानक देव जी
कसमल - अंधेरा
जाहि - जाता है
नाइए - नाम जपते हुए
रामदास - गुरु रामदास जी
सर - सरोवर
दित्थे - Seen
सभे - All
थांव - Places
नहीं - No
तुधु - Like you
जेहिआ - None
वस्दी - Resides
सघन - Large
अपार - Boundless
अनूप - Unique
रामदास - Guru Ramdas Ji
पुर - Gurudwara
हरि - God
हां - Yes
नानक - Guru Nanak Dev Ji
कसमल - Darkness/sin/effects of Bad Karma
जाहि - Goes
नाइए - Chanting the name
रामदास - Guru Ramdas Ji
सर - Sarovar 
ਡਿਠੇ ਸਭੇ ਥਾਵ ਨਹੀ ਤੁਧੁ ਜੇਹਿਆ ॥
"दित्थे सभे थांव नहीं तुधु जेहिआ" - जो जगह भी हम देखते हैं, उन सभी जगहों की तुलना में तुम (भगवान) बेहतर और सुंदर हो।

ਬਧੋਹੁ ਪੁਰਖਿ ਬਿਧਾਤੈ ਤਾਂ ਤੂ ਸੋਹਿਆ ॥ - तुम सबका निर्माता और स्वामी हो।
ਵਸਦੀ ਸਘਨ ਅਪਾਰ ਅਨੂਪ ਰਾਮਦਾਸ ਪੁਰ ॥
"वਸਦੀ ਸਘਨ ਅਪਾਰ ਅਨੂਪ ਰਾਮਦਾਸ ਪੁਰ" -
तुम रामदास पुर के असीम, अपार और अनूप आस-पास वास करते हो।
ਹਰਿਹਾਂ ਨਾਨਕ ਕਸਮਲ ਜਾਹਿ ਨਾਇਐ ਰਾਮਦਾਸ ਸਰ ॥੧੦॥
"हरਿਹਾਂ ਨਾਨਕ ਕਸਮਲ ਜਾਹਿ ਨਾਇਐ ਰਾਮਦਾਸ ਸਰ" - तुम्हारी स्मृति से हम सभी पापों और कलंकों से मुक्त हो सकते हैं। गुरु नानक तुम्हें सबसे विशेष रूप से नमस्कार करते हैं.
डिठ्ठे सभे थाव नहीं तुध जेहेआ
बद्धोहु पुरख बिधाते ता तू सोहेआ
वसदी सघन अपार अनूप रामदास पुर
हरिहाँ नानक कसमल जाहि न्हाईअै रामदास सर

यहाँ पर गुरु जी ने गुरु रामदास की नगरी अमृतसर की सराहना की है, हे गुरु की नगरी ! मैंने सब स्थानों को देखा है, लेकिन तेरे जैसी कोई नगरी नहीं। दरअसल कर्ता पुरुष विधाता ने स्वयं तुझे बनाया तो ही तू शोभा दे रही है। अनुपम रामदासपुर (अमृतसर) में अनेक लोग रहते हैं। नानक कहते हैं कि यहां रामदास सरोवर में स्नान करने से सब पाप-दोष दूर हो जाते हैं।
यह शब्द "दित्थे सभे थांव नहीं तुधु जेहिआ" गुरु अमरदास जी के दोहरे का एक हिस्सा है। इसे गुरु रामदास जी ने अपने बानी में उपयोग किया था और इसे सिख धर्म के अनुसार उनके जीवन के महत्वपूर्ण संदर्भों के रूप में मान्यता दी गई है.
डिठ्ठे सभे थाव नहीं तुध जेहेआ - तुझ जैसे कोई दूसरा स्थान नहीं है। रामदास की नगरी अमृतसर जैसा स्थान दूसरा कोई भी नहीं है .
बद्धोहु पुरख बिधाते ता तू सोहेआ - बुद्ध पुरुष (इश्वर) इन स्वंय तुम्हे बनाया है और यही कारण है की तुम्हारी इतनी अधिक शोभा है, तुम शोभायमान हो.
वसदी सघन अपार अनूप रामदास पुर - अनुपम रामदासपुर में बहुत सारे लोग रहते हैं, जन निवास करते हैं.
हरिहाँ नानक कसमल जाहि न्हाईअै रामदास सर - हे नानक, इस प्रकार आस्था रखने से रामदास सरोवर में स्नान करने से सभी पाप दोष दूर हो जाते हैं।
 
 Dithe Sabhe Thanv, Nhi Tudh Jehia
Badhohu Purakh Bidhate Tu Sohia
Vassdi Saghan Apaar Anoop Ramdas Pur
Harihan Nanak Kasmal Jahi Nhaiye Ramdas Sar
Dithe Sabhe Thanv Nahi Tudh Jehiya English Meaning

Dithe Sabhe Thanv Nhi Tudh Jehia Meaning in English

This is a praise of the Almighty and his unparalleled greatness. The Shabad tells us that by bathing in the spiritual waters of the Pool of the Lord's Servants, all our sins washed away. The city of the Lord's Servants, which is another name for the spiritual congregation, is full of divine virtues and is vast beyond measure. Guru Nanak has traveled to many places, but he has never seen anything as beautiful and magnificent as the city of the Lord's Servants. The foundation of this city has been laid by the Creator himself, and that is why it shines with the light of his divine virtues.

Significance of Pious Shabad "Dithey Sabhey Thaav Nahin Tudh Jehia"

The shabad “Dithey Sabhey Thaav Nahin Tudh Jehia” is by Guru Nanak Dev Ji. He was the first Guru of Sikhism. This shabad is part of the Sikh holy book, the Guru Granth Sahib. It’s in the Raag Asa section.

This shabad says God is everywhere. Guru Nanak Dev Ji tells us that God isn’t just in one place. No place can hold or limit God. He says we can only feel God’s presence if we understand His will.

The line “Badhoohu Purakh Bidhatey Taan Tu Sohia” means “God looks beautiful when He makes things happen”. It suggests that following God’s will lets us see His beauty.

The shabad mentions Ramdas Pur. This is another name for Amritsar in Punjab, India. Amritsar is very important to Sikhs. It has the Golden Temple, the most sacred Sikh shrine.


Dithe Sabhe Thanv Shabad Ishmeet, BY Singh Attitude

Guru Arjan Dev Ji was born in Goindval, Punjab, on April 15, 1563. He succeeded Guru Ram Das Ji as the fifth Guru of Sikhism. He was instrumental in completing the Harmandir Sahib, known as the Golden Temple, in Amritsar, which is a key Sikh worship site. He also compiled the Adi Granth, the initial compilation of Sikh scriptures, which later became the Guru Granth Sahib. This text includes contributions from various Sikh Gurus, Bhagats, and Sufi saints and is central to Sikhism’s teachings.
 
यह शबद गुरु अर्जन देव जी ने लिखा है। यह श्री गुरु ग्रंथ साहिब में है। यह पृष्ठ 1362 पर है। यह भजन ईश्वर की अतुलनीय सुंदरता के बारे में है। यह कहता है कि कोई भी स्थान सृष्टिकर्ता की तरह नहीं है। ईश्वर की महानता उसने स्वयं स्थापित की है। रामदासपुर को सुंदर बताया गया है। इसे रामदास सर कहा जाता है। भजन कहता है कि वहाँ स्नान करने से पाप धुल जाते हैं। यह एक आध्यात्मिक अनुभव है। यह शबद कई लोगों द्वारा गाया जाता है। यह सिख पूजा का हिस्सा है। यह श्रोताओं को शांति प्रदान करता है। यह एक दिव्य संदेश है। यह गुरमुखी में गाया जाता है। यह सिखों द्वारा प्रिय है। यह आध्यात्मिकता का मार्गदर्शक है। यह दिव्य की प्रशंसा है। यह अनंत है। यह गहरा है।
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