एक दिन वो भोले भंडारी लिरिक्स Bankar Brij Ki Nari Lyrics

एक दिन वो भोले भंडारी बनकर के ब्रिज नारी लिरिक्स Bankar Brij Ki Nari Lyrics, Ek Din Wo Bhole Bhandari Bankar Brij Ki Nari

 
एक दिन वो भोले भंडारी लिरिक्स Bankar Brij Ki Nari Lyrics

एक दिन वो भोले भंडारी,
बन कर के ब्रिज की नारी,
गोकुल में आ गये है,
पार्वती भी मना के हारी,
ना माने त्रिपुरारी,
गोकुल में आ गये है।

पार्वती से बोले मैं भी,
चलूँगा तेरे संग में,
राधा संग श्याम नाचे,
मैं भी नाचूँगा तेरे संग में,
रास रचेगा ब्रिज में भारी,
हमें देखो प्यारी,
गोकुल में आ गये है।

ओ मेरे भोले स्वामी,
कैसे ले जाओ तोहे साथ में,
मोहन के सिवा वहा,
कोई पुरुष ना जाये रास में,
हँसी करेगी ब्रिज की नारी,
मान लो बात हमारी,
गोकुल में आ गये है।

ऐसा बनादो मुझे को,
कोई न जाने इस राज को,
मैं हूं सहेली तेरी,
ऐसा बताना ब्रिज राज को,
बना के जुड़ा पहन के साड़ी,
चाल चले मत वाली,
गोकुल में आ गये है।

देखा मोहन ने जब तो,
समझ गए ओ सारी बात रे,
ऐसी बजायी बंसी,
सूद बूद भूले भोलेनाथ रे,
सर से खिसक गयी जब साड़ी,
मुस्काए गिरधारी,
भोले शर्मा गए है।

एक दिन वो भोले भंडारी,
बन कर के ब्रिज की नारी,
गोकुल में आ गये है,
पार्वती भी मना के हारी,
ना माने त्रिपुरारी,
गोकुल में आ गये है।
एक दिन वो भोले भंडारी,
बन कर के ब्रिज की नारी,
गोकुल में आ गये है,
पार्वती भी मना के हारी,
ना माने त्रिपुरारी,
गोकुल में आ गये है।

एक दिन वो भोले भंडारी बनकर के ब्रिज नारी गोकुल में आ गए हैं | Ek Din Vo Bhole Bhandari | Shiv Bhajan

Song : Ek Din Vo Bhole Bhandari
Singer : Upasana Mehta
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