चलती है सारी सृष्टि उज्जैन शहर से

चलती है सारी सृष्टि उज्जैन शहर से

मेरे महाकाल की मर्जी से ये सूर्य की किरणें निकलती हैं,
मेरे महाकाल की कृपा से ये सृष्टि सारी चलती है।।

चलती है सारी सृष्टि उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से, मेरे महाकाल के दर से।।

ब्रह्मा और विष्णु भी महाकाल का गुणगान करें,
वंदना शिव की सभी वेद और पुराण करें।।
देवों ने तत्व पाया उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से।।

मेरे महाकाल से यमराज सभी डरते हैं,
अकाल मौत भी आए तो उसको हरते हैं।।
वो काल भी घबराए महाकाल के डर से,
मेरे महाकाल के दर से।।

जो भी दर्शन को बाबा तेरे शहर आता है,
सभी बंधनों से बाबा, मुक्त वो हो जाता है।।
जाता ना कोई खाली उज्जैन शहर से,
मेरे महाकाल के दर से।।

मेरे महाकाल की तो बात ही निराली है,
आता जो दर पे इनके, जाता नहीं खाली है।।
मेरे महाकाल की तो बात ही निराली है,
मेरे महाकाल ने जिस-जिस पे नज़र डाली है,
जिंदगी रोशन हुई, रोज ही दिवाली है।।
मेरे महाकाल की तो बात ही निराली है।।

मेरे महाकाल की तो दुनिया ही दीवानी है,
बनाते बिगड़ी सबकी, भोले औघड़दानी हैं।।
आसरा पाया है कृष्णा ने बाबा तेरे ही दर से,
मेरे महाकाल के दर से।।


श्रावण स्पेशल 2023 | चलती है सारी सृष्टि महाकाल के दर से | Mahakal ke Dar se SingerKrishnaRajput
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