हर स्वरूप में भक्तों को, लगते हैं बड़े प्यारे, शंभू शिव शंभू, ध्यान समाधि में रहते हैं, जग के तारणहारे, शंभू शिव शंभू, भक्तों की खातिर शंभू ने, पिया हलाहल प्याला, मेरा भोला बड़ा निराला, मेरा शंभू बड़ा निराला।
भूत गणों की टोली संग में, करते बैल सवारी, शंभू शिव शंभू, कर त्रिशूल डमरू सोहे, छवि लगे मनोहारी, शंभू शिव शंभू, जोगी जैसा रूप धरे है, दुनिया का रखवाला, मेरा भोला बड़ा निराला, मेरा शंभू बड़ा निराला,
शिव शंकर का दरस मिला, तो हो गया दिल दीवाना, शंभू शिव शंभू, महादेव का द्वार छोड़ कर, हमें नहीं अब जाना, शंभू शिव शंभू, महादेव के दर्शन करके, हो गया मन मतवाला, मेरा भोला बड़ा निराला, मेरा शंभू बड़ा निराला।