ऊँची ऊँची चढ़ के चढ़ाई, आया मैं महामाँई, दरश की ललक लगी है, मैया से लगन लगी है, लाल चूनर तेरी तारों वाली, मैं लायी महामाँई ऊँची ऊँची चढ़ के चढ़ाई, आया मैं महामाँई।
था ये भरोसा मुझको एक दिन, तो मैया तू बुलाएगी, जन्मों का सोया हुआ, मेरा नसीब माँ जगायेगी, पान सुपारी ध्वजा नारियल, थाल है मैंने सजाई, दरश की अलख लगी है, मैया से लगन लगी है।
सोने की बिंदिया लाया, नाक नथनीय कंठ हार है, हाथों का चूड़ा लाया, लाया मैं सोलह शृंगार भी, चंदन तिलक लगा कर, मैया ज्योति तेरी जगायी, दर्श की अलख लगी है।
ऊँची ऊँची चढ़ के चढ़ाई, आया मैं महामाँई, दरश की ललक लगी है, मैया से लगन लगी है, लाल चूनर तेरी तारों वाली, मैं लायी महामाँई ऊँची ऊँची चढ़ के चढ़ाई, आया मैं महामाँई।
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