गुरसामल के आंगणिये में बाजे रे पैंजनिया

गुरसामल के आंगणिये में बाजे रे पैंजनिया

गुरसामल के आंगणिये में
बाजे रे पैंजनिया
देखो ठुमक ठुमक
कैसी लटक मटक
चालै नारायणी.. नारायणी

छम छम करती बाजै पैंजनिया, सब को मनड़ो हर्षावै
गुरसामल जी लेवै बलैयां, नजर कोई ना लग ज्यावै
रंग रंगीली.. गुड़िया छबीली..
बलिहारी जाऊं.. खुशियां मनाऊं..
ज्यूं लक्ष्मी की अवतार है
डगमग डगमग हालै.. देखो मोरणी सी चालै
देखो ठुमक ठुमक
कैसी लटक मटक
चालै नारायणी.. नारायणी

महलां में चालै अंगणा में चालै, घूघरिया खुड़कावती
ऐसी छवि कोई बड़भागी पावै, सोया भाग्य जगावती
जय हो नारायणी.. गूंज उठी वाणी
देवता भी बोली जयकार है
अम्बरीष कहवै.. बजता रहवै..
भग्तां कै पैंजनिया
देखो ठुमक ठुमक
कैसी लटक मटक
चालै नारायणी.. नारायणी



गुरसामल के आँगनिये में बाजे रे पैंजनिया Gursamal ke anganiye me Lado Narayani #SudarshanKumar

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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