नाच भगतां मैया तेरे घर आई है

नाच भगतां मैया तेरे घर आई है 

नाच भगतां मैया तेरे घर आई है

नाच भगतां मैया तेरे घर आई है,
तेरे घर आई है मां तेरे घर आई है,
ओ नाच भगतां मैया तेरे घर आई है।

रख के नवराते जो ज्योत जलाते हैं,
भर लेते झोलियां वे दुख नहीं पाते हैं,
सुन भगतां जय हो,
आज, तेरी बारी आई है,
ओ नाच भगतां मैया तेरे घर आई है।

ऊंचें पहाड़ों में मैया जी का डेरा है,
सुंदर गुफा में मेरियां का बसेरा है,
सुन भगतां जय हो,
आज शेरांवाली आई है,
ओ नाच भगतां मैया तेरे घर आई है।

कण कण में मेरी मैया का बसेरा है,
चरणों में हमने लगा लिया डेरा है,
सुन भगतां जय हो,
मैया खुद चल आई है,
ओ नाच भगतां मैया तेरे घर आई है।

मां भगवती के आगमन पर हम भक्तों को अत्यंत खुशी होती है। मां खुद हमारे घर आई हैं जिससे हमारा मन आनंद से भर गया है। नवरात्रों में मां की ज्योत जलाने से और सच्चे मन से पूजा करने से हमें कभी दुख नहीं होता और मां हमारी झोली खुशियों से भर देती हैं। मां का निवास ऊंचे पहाड़ों और सुंदर गुफाओं में है लेकिन आज वे हमारे पास खुद चलकर आ गई हैं। मां हर जगह मौजूद हैं। कण कण में उनका वास है और हमने अपना जीवन उनके चरणों में समर्पित कर दिया है। जय माता रानी।


Naach Bhagtan Maiya Tere Ghar Aai Hai कीर्तन में रौनक लगाने वाला भजन

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माँ भगवती का आगमन भक्तों के लिए उल्लास और आनंद का पर्व है। उनका घर में आना मानो सुख-शांति का खजाना साथ लाना है। नवरात्रों में ज्योत जलाकर, सच्चे मन से उनकी आराधना करने वाला भक्त कभी दुख नहीं पाता; माँ उसकी झोली खुशियों से भर देती हैं। ऊँचे पहाड़ों की गुफाओं में बसा उनका डेरा पवित्रता का प्रतीक है, पर उनकी कृपा इतनी अपार है कि वे स्वयं भक्त के द्वार चली आती हैं।  

कण-कण में समाई माँ की शक्ति हर जगह अनुभव होती है। उनके चरणों में सिर झुकाने वाला भक्त जीवन को सार्थक पाता है। जैसे शेरोंवाली माँ अपने भक्तों के संकट हरती हैं, वैसे ही उनकी उपस्थिति मन को भक्ति और उमंग से नचाती है। यह भजन हमें सिखाता है कि माँ की भक्ति में डूबकर, उनके प्रेम में रमकर, हम हर कठिनाई को आनंद में बदल सकते हैं। जय माता रानी।
 
माँ का अपने भक्तों के घर आना एक दिव्य अवसर है, जो हर कोने में उत्सव और उल्लास का संचार कर देता है। नवरात्रि के दौरान जलायी जाने वाली ज्योत केवल प्रकाश नहीं, बल्कि दुखों का निवारण करने वाली दिव्य ऊर्जा है, जो सभी भक्तों के जीवन में सुख और शांति भर देती है। ऊँचे पर्वतों में स्थित माँ के डेरा और सुंदर गुफा में उनका बसेरा आध्यात्मिक सुरक्षा और शक्ति का प्रतीक हैं, जहाँ से उनकी अपार ऊर्जा और करुणा निरंतर प्रवाहित होती रहती है। मां का अपने भक्तों के जीवन में निवास करना गहराई से महसूस होता है, जैसे हर अणु में उनकी उपस्थिति और चरणों में स्थायी निवास। 
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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