गुरुजी मेरे तुम समरथ तुम ज्ञानी लिरिक्स Guruji Tum Samarth Lyrics

गुरुजी मेरे तुम समरथ तुम ज्ञानी लिरिक्स Guruji Tum Samarth Lyrics

गुरुजी मेरे तुम समरथ तुम ज्ञानी लिरिक्स Guruji Tum Samarth Lyrics
 
गुरुजी मेरे तुम समरथ तुम ज्ञानी,
तेरे आगे कुछ भी छिपे नहीं,
दूध का दूध और पानी का पानी,
गुरुजी मेरे तुम समरथ तुम ज्ञानी।

मैं मुरख मैं मैं में डूबा,
कामी क्रोधी अभिमानी,
बांह ग्रहीं तुने पास बिठाया,
मैं हूं अधम अज्ञानी,
गुरुजी मेरे तुम समरथ तुम ज्ञानी।

अमाप आत्मिक प्रेम प्रवाह में,
मस्त सदा मस्तानी,
दोऊं कर लिए प्रसाद लुटावे,
लीला बरणी न जानी,
भक्त लूटै भगवान लुटावै,
कृपा सिंधु कल्याणी,
गुरुजी मेरे तुम समरथ तुम ज्ञानी।

सच्चिदा ते संत कहेगा,
है अमृतमय वाणी,
दिल दर्पण में दाग ना कोई,
कोई ना ऐसा दानी,
डूब गया सो पार उतरता,
छोड़ नफा नुकसानी,
गुरुजी मेरे तुम समरथ तुम ज्ञानी

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