जनम तेरा बातों ही बीत गयो लिरिक्स Janam Tera Bato Hi Beet Gayo Lyrics, Krishna Bhajan by Anup Jalota Janam Tera Bato Hi Beet Gayo
जनम तेरा बातों ही बीत गयो,रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो |
पाँच बरस को भोलो बालो,
अब तो बीस भयो |
मकर पचीसी माया के कारन, दे
श विदेश गयो ||
तीस बरस की अब मति उपजी,
लोभ बढ़े नित नयो |
माया जोड़ी लाख करोड़ी,
अजहू न तृप्त भयो ||
वृद्ध भयो तब आलस उपज्यो,
कफ नित कंठ नयो |
साधू संगति कबहू न किन्ही,
बिरथा जनम गयो ||
यो जग सब मतलब को लोभी,
झूठो ठाठ ठयो,
कहत कबीर समझ मन मूरख,
तूं क्यूँ भूल गयो ||
Janam Tero Baato Hi Beet Gayo Bhajan
जनम तेरा बातों ही बीत गयो,रे तूने कबहूँ न कृष्ण कह्यो ||
पाँच बरस को भोला भाला,
अब तो बीस भयो,
मकर पचीसी माया कारन |
देश विदेश गयो,
पर तूने कबहूँ न कृष्ण कह्यो,
जनम तेरा बातों ही बीत गयो ||
तीस बरस की अब मति उपजी,
लोभ बढ़े नित नयो,
माया जोड़ी तूने लाख करोड़ी |
पर अजहू न तृप्त भयो,
जनम तेरा बातों ही बीत गयो,
रे तूने कबहूँ न कृष्ण कह्यो ||
वृद्ध भयो तब आलस उपज्यो,
कफ नित कंठ नयो,
साधू संगति कबहू न किन्ही |
बिरथा जनम गयो,
जनम तेरा बातो ही बीत गयो,
रे तूने कबहूँ न कृष्ण कह्यो ||
यो जग सब मतलब को लोभी,
झूठो ठाठ ठयो,
कहत कबीर समझ मन मूरख |
तू क्यूँ भूल गयो,
जनम तेरा बातो ही बीत गयो,
रे तूने कबहूँ न कृष्ण कह्यो ||
जनम तेरा बातों ही बीत गयो,
रे तूने कबहूँ न कृष्ण कह्यो ||
You were just five years old, and now you are twenty. You have wasted your time chasing illusions, and traveled far and wide in search of them.
Thirty years have gone by, but your mind has not matured, and your greed keeps growing without end. You have accumulated wealth beyond measure, but it has never satisfied you.
As you grew old, laziness overtook you, and your voice became hoarse. You never sought the company of saints, and your life was spent in vain.
This world is full of greed and falsehood, but you fell for them anyway. Says Kabir, understand this, you foolish mind, why did you forget?