खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
खाटू नगरी में बैठा वो,
करता जग संचालित है,
हानि लाभ यश अपयश,
उसकी करुणा पे आधारित है,
है सरकार वो सरकारों का,
सृष्टि का है पालनहार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
जिस प्रेमी ने श्याम हवाले,
कर दी है अपनी पतवार,
उसकी नैया श्याम चलाये,
होती है मझधार से पार,
जीवन उसके हाथ में सौंपो,
जिसके हाथ में है संसार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
बाप के जैसा प्रेम दिखाए,
माँ की तरह करता है दुलार,
राह दिखाता मित्र के जैसे,
भाई जैसा करता प्यार,
श्याममुरारी लखदातारी,
पाल रहा मेरा परिवार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
दीनजनों का नाथ ये करता,
दीनों से ही यारी है,
सौदागर है भाव भजन का,
खुशियों का व्यापारी है,
ठाठ निराले हैं बाबा के,
महिमा उसकी अपरम्पार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
मोहित जिसपे है साँवरिया,
उसको ही मिलता दरबार,
चौबिस घंटे सातों दिन वो,
साथ चले बन के रखवार,
सारी माँगें पूरी होंगी,
जाके माँगो तो इक बार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
खाटू नगरी में बैठा वो,
करता जग संचालित है,
हानि लाभ यश अपयश,
उसकी करुणा पे आधारित है,
है सरकार वो सरकारों का,
सृष्टि का है पालनहार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
जिस प्रेमी ने श्याम हवाले,
कर दी है अपनी पतवार,
उसकी नैया श्याम चलाये,
होती है मझधार से पार,
जीवन उसके हाथ में सौंपो,
जिसके हाथ में है संसार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
बाप के जैसा प्रेम दिखाए,
माँ की तरह करता है दुलार,
राह दिखाता मित्र के जैसे,
भाई जैसा करता प्यार,
श्याममुरारी लखदातारी,
पाल रहा मेरा परिवार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
दीनजनों का नाथ ये करता,
दीनों से ही यारी है,
सौदागर है भाव भजन का,
खुशियों का व्यापारी है,
ठाठ निराले हैं बाबा के,
महिमा उसकी अपरम्पार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
मोहित जिसपे है साँवरिया,
उसको ही मिलता दरबार,
चौबिस घंटे सातों दिन वो,
साथ चले बन के रखवार,
सारी माँगें पूरी होंगी,
जाके माँगो तो इक बार,
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
खाटू में एक भवन निराला,
जिसमें बैठा लखदातार,
दीनानाथ दयालु बाबा,
श्यामधणी मेरा सरकार।
Khatu Me Ek Bhawan Nirala
Album :- Khatu Me Ek Bhawan Nirala
Singer :- Mohit Sai Ji (Ayodhya) 9044466616
Lyricist :- Mohit Sai Ji (Ayodhya) 9044466616
DOP :- Kunal Sonkar Ji (Lucknow)
Music :- MS Music (Aman)
Singer :- Mohit Sai Ji (Ayodhya) 9044466616
Lyricist :- Mohit Sai Ji (Ayodhya) 9044466616
DOP :- Kunal Sonkar Ji (Lucknow)
Music :- MS Music (Aman)