कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी

कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी

कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है,
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है।

उनकी जटा में गंगा विराजे,
वो बहाते चले आ रहे है,
उनके माथे पे चंदा विराजे,
वो चमकाते चले आ रहे है,
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है।

उनके कानो में बिच्छू विराजे,
वो लटकाते चले आ रहे है,
उनके गले में नाग विराजे,
वो लहराते चले आ रहे है,
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है।

उनके हाथों में डमरू विराजे,
वो बजाते चले आ रहे है,
उनके अंगो में बाघम्बर छाला,
वो पहन कर चले आ रहे है,
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है।

उनके पैरों में घुघरू विराजे,
वो बजाते चले आ रहे है,
उनके संग में गौरा मैया,
सोहे जोड़ी बना कर चले आ रहे है,
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है।

उनके चरणों में नंदी विराजे,
वो घुमाते चले आ रहे है,
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है।

कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है,
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी,
भोले पैदल चले आ रहे है।


कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे है - शिव जी और माता रानी का बहुत ही सुन्दर भजन

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