कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है, कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है।
उनकी जटा में गंगा विराजे, वो बहाते चले आ रहे है, उनके माथे पे चंदा विराजे, वो चमकाते चले आ रहे है, कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है।
उनके कानो में बिच्छू विराजे, वो लटकाते चले आ रहे है, उनके गले में नाग विराजे, वो लहराते चले आ रहे है, कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है।
उनके हाथों में डमरू विराजे, वो बजाते चले आ रहे है, उनके अंगो में बाघम्बर छाला, वो पहन कर चले आ रहे है, कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है।
उनके पैरों में घुघरू विराजे, वो बजाते चले आ रहे है, उनके संग में गौरा मैया, सोहे जोड़ी बना कर चले आ रहे है, कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है।
उनके चरणों में नंदी विराजे, वो घुमाते चले आ रहे है, कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है।
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है, कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी, भोले पैदल चले आ रहे है।
कितनी सुन्दर है माँ तेरी नगरी भोले पैदल चले आ रहे है - शिव जी और माता रानी का बहुत ही सुन्दर भजन