क्यों काया तड़पावे रे बंदे लिरिक्स Kyo Kaya Tadpave Lyrics

क्यों काया तड़पावे रे बंदे लिरिक्स Kyo Kaya Tadpave Lyrics

क्यों काया तड़पावे रे बंदे,
जोड़ जोड़ धन धर जागा,
क्यों काया तड़पावे रे बंदे,
जोड़ जोड़ धन धर जागा,
गुरु की शरण में आजा रे बंदे,
परले पार उतर जागा,
क्यों काया तड़पावे रे बंदे,
जोड़ जोड़ धन धर जागा,
गुरु की शरण में आजा रे बंदे,
परले पार उतर जागा।

दो झूठी रे दो सांची लावे,
घड़ा पाप का भर जागा,
दो झूठी रे दो सांची लावे,
घड़ा पाप का भर जागा,
अरे सांची रे बाणी बोला कर भई,
परले पार उतर जागा।

क्यों काया तड़पावे रे बंदे,
जोड़ जोड़ धन धर जागा,
गुरु की शरण में आजा रे बंदे,
परले पार उतर जागा।

जैसी करनी रे वैसी भरनी रे,
करणी का फल भोगगा,
जैसी करनी रे वैसी भरनी रे,
करणी का फल भोगगा,
पाप की नैया नही तरेगी,
अदम्ब बेचाल डूबेगा,
क्यों काया तड़पावे रे बंदे,
जोड़ जोड़ धन धर जागा,
गुरु की शरण में आजा रे बंदे,
परले पार उतर जागा।

मांस मीट के खाले आले,
नाली का कीड़ा बन जागा,
अरे सादा भोजन खाया कर भई,
परले पार उतर जागा।

क्यों काया तड़पावे रे बंदे,
जोड़ जोड़ धन धर जागा,
गुरु की शरण में आजा रे बंदे,
परले पार उतर जागा।

मात पिता और गुरु अपने की,
सेवा करले मन भर के,
मात पिता और गुरु अपने की,
सेवा करले मन भर के,
सेवा का फल मीठा हो सै,
चाख लिए चाहे जी मन भर के,

क्यों काया तड़पावे रे बंदे,
जोड़ जोड़ धन धर जागा,
गुरु की शरण में आजा रे बंदे,
परले पार उतर जागा।

क्यों काया तड़पावे रे बंदे,
जोड़ जोड़ धन धर जागा,
गुरु की शरण में आजा रे बंदे,
परले पार उतर जागा।
 


क्यों काया तड़पावे रे बंदे जोड़ जोड़ धन घर जागा | Guru Bhajan | Satsangi Bhajan | Sandeep Siwana

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