मन सागर दरियाव है सिंगाजी निमाड़ी भजन लिरिक्स Man Sagar Dariyav Lyrics

मन सागर दरियाव है सिंगाजी निमाड़ी भजन लिरिक्स Man Sagar Dariyav Lyrics

 
मन सागर दरियाव है सिंगाजी निमाड़ी भजन लिरिक्स Man Sagar Dariyav Lyrics

मन सागर दरियाव है, उड़े रंग फुहारा,
सुफल बाग़ मनरंग है, फूली रया फुलवारा,
मन सागर दरियाव है, उड़े रंग फुहारा।

ब्रह्म निज बीज बोइया, तन तत्व का क्यारा,
प्रेम प्रीत जल सिंचिया, खड़ा बाग़ तुम्हारा,
मन सागर दरियाव है, उड़े रंग फुहारा।

भांति भांति का वृक्ष है, रहता न्यारा हो न्यारा,
नाना विधि फुल खिली रया, चढ़े देव के अंग,
मन सागर दरियाव है, उड़े रंग फुहारा।

कल्पवृक्ष कृता धनी, फल लाग्या रे मोती,
वा की छाया में बैठके, कोई परखो रे ज्योति,
मन सागर दरियाव है, उड़े रंग फुहारा।

ब्रह्मगिर रहे ब्रह्म ध्यान में, कल्पवृक्ष की छाया,
वा की छाया में बैठके, पद सिंगाजी ने गया,
मन सागर दरियाव है, उड़े रंग फुहारा।

सिंगाजी निमाड़ी भजन || उड़ रंग फुआरा मन सागर दारियाव है || मंगलदास यादव || निमाड़ी भजन गरबी

निमाड़ी भजन
सिंगाजी निमाड़ी भजन गरबी
गायक मंगलदास यादव
मन सागर दरियाव है उड़ रंग फुआरा

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