म्हारी पीड़ हरो घनश्याम लिरिक्स Mhari Peed Haro Lyrics
म्हारी पीड़ हरो घनश्याम लिरिक्स Mhari Peed Haro Lyrics
म्हां री पीड़ हरो घनश्याम नाथ,थां नै आयां सरसी जी,
थां बिण दीनानाथ आंगली,
कुण पकड़सी जी।
थां बिण म्हां रै सिर पर बाबा,
कुण तो हाथ फिरावै,
सगला मुण्डो फेरकै बैठ्या,
कुण तो साथ निभावै,
मझधारां स्यूं बेड़ो कंईंया,
पार उतरसी जी,
थां बिण दीनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी।
म्हां री हालत सेठ सांवरा,
थां स्यूं कोन्या छाणी,
एक बार थे पलक उघाड़ो,
देखो म्हां रै कानीं,
थां रै देख्यां बिगड़ी म्हां री,
श्याम सुधरसी जी,
थां बिण दीनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी।
आंख्यां स्यामी घोर अंधेरो,
कुछ ना सूझै आगै,
इब के होसी सोच सोच कै,
म्हां नै तो डर लागै,
हर्ष म्हां रै आगै को रस्तो,
श्याम ही करसी जी,
थां बिण दीनानाथ,
आंगली कुण पकड़सी जी।
म्हां री पीड़ हरो घनश्याम नाथ,
थां नै आयां सरसी जी,
थां बिण दीनानाथ आंगली,
कुण पकड़सी जी।