मैंने तुझसे प्रीत लगा ली है, तेरी बांसुरी मन में रमा ली है मिल जाए प्रेम तुम्हारा मोहन बस इतना ही चाहती हूँ, साँझ सवेरे संवारे मेरे कान्हा कान्हा गाती हूँ।
मेरी रूह में तुम्ही समाये हो, मेरे रोम रोम में छाए हो
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
मन वृन्दावन तीरथ मथुरा छवि तेरी ही पाती हूँ, साँझ सवेरे संवारे मेरे कान्हा कान्हा गाती हूँ।
शब्दों का हार बनाया है गोपी का हाल सुनाया है, प्रेम दीवानी कहे मानसी भजन से भाव बताती हूँ, साँझ सवेरे संवारे मेरे कान्हा कान्हा गाती हूँ।