बजरंगबली चले आना हनुमान भजन
बजरंगबली चले आना,
मैं धरूं ध्यान तुम्हारा,
तुम बिगड़ी बना जाना,
विनती मेरी सुनके,
बजरंग बली चले आना।
तुमको समझ के अपना,
मैं मन की बताता हूँ,
सबकी सुनते हो,
सो अपनी सुनाता हूँ,
सुनने मेरी भी भगवन,
व्यथा चले आना,
मैं धरूं ध्यान तुम्हारा,
तुम बिगड़ी बना जाना,
विनती मेरी सुनके,
बजरंग बली चले आना।
तुम बिन मेरे हनुमंत,
मेरा नहीं है कोई सहारा,
जीवन सारा अपना,
मैंने चरणों में तेरे वारा,
बनके सहारा मेरा,
सदा साथ निभाना,
मैं धरूं ध्यान तुम्हारा,
तुम बिगड़ी बना जाना,
विनती मेरी सुनके,
बजरंग बली चले आना।
खता क्या हुई मुझसे,
क्यूं मुझसे है तू रूठा,
तेरी इस बेरुखी से,
देख दिल है मेरा टूटा,
भूल मेरी आकर,
बजरंगबली बता जाना,
मैं धरूं ध्यान तुम्हारा,
तुम बिगड़ी बना जाना,
विनती मेरी सुनके,
बजरंग बली चले आना।
आँखों में भरे हैं आंसू,
मेरे प्रभु तरस खाओ,
करते हो सब पे करुणा,
मुझ पे भी बरस जाओ,
मेहर करने राजीव पर,
मेरे नाथ चले आना,
मैं धरूं ध्यान तुम्हारा,
तुम बिगड़ी बना जाना,
विनती मेरी सुनके,
बजरंग बली चले आना।
विनती मेरी सुनके,
बजरंगबली चले आना,
मैं धरूं ध्यान तुम्हारा,
तुम बिगड़ी बना जाना,
विनती मेरी सुनके,
बजरंग बली चले आना।
मंगलवार हनुमानजी का भजन I Hanuman Tumhara Kya Kehna I New Version I LAKHBIR SINGH LAKKHA I HD Video
Hanuman Bhajan: Hanuman Tumhara Kya Kehna (New Version)
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music Director: Durga, Natraj
Lyricist: Shrikant Mishra
Album: Ram Na Milenge Hanuman Ke Bina
Music Label: T-Series
हनुमान भक्ति की सबसे सुंदर बात यह है कि वह संवाद में जीवंत रहती है। साधक उनसे रुष्ट भी होता है, लेकिन वही रूठना प्रेम का प्रमाण है। आँसुओं के बीच भी यह विश्वास टिका रहता है कि वे सुनेंगे, आएँगे, और हर संकट को पलभर में मिटा देंगे। इसमें भय नहीं, अपनापन है — ऐसा अपनापन जिसमें दुख का भी मोल नहीं रह जाता। “तुम बिगड़ी बना जाना” कहना किसी मांग से अधिक एक विश्वास है कि कृपा का दरवाज़ा कभी बंद नहीं होता। यही भक्ति नकली शब्दों से नहीं, बल्कि टूटे मन के सच्चे स्वर से प्रकट होती है। ऐसी विनती जब उठती है, तो स्वयं बजरंगबली भी बिना रुके चले आते हैं — कभी झोंके की तरह, तो कभी भीतर उठती शक्ति बनकर।
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