कैसी बैठी री गुफा में मेरी शेरावाली मैया
तातो तातो पानी मैया,
गडुला संजोय,
अरी तू नहा ले री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
लाल लाल चोला मैया,
गोटा किनारी,
अरी तुम पहनो री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
घिसे घिसे चंदन मैया,
भरी री कटोरी,
तिलक लगा ले ली गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
गोरी गोरी बैयां मैया,
हरी हरी चूड़ियां,
अरी तुम पहनो री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
पान सुपारी मैया,
ध्वजा नारियल,
भेंट चढ़ाऊं री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
हलवा पूरी मैया,
सब रस मेवा,
भोग लगाओ री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
गडुला संजोय,
अरी तू नहा ले री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
लाल लाल चोला मैया,
गोटा किनारी,
अरी तुम पहनो री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
घिसे घिसे चंदन मैया,
भरी री कटोरी,
तिलक लगा ले ली गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
गोरी गोरी बैयां मैया,
हरी हरी चूड़ियां,
अरी तुम पहनो री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
पान सुपारी मैया,
ध्वजा नारियल,
भेंट चढ़ाऊं री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
हलवा पूरी मैया,
सब रस मेवा,
भोग लगाओ री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया,
कैसी बैठी री गुफा में,
मेरी शेरावाली मैया।
कैसी बैठी विकट पहाड़न में | Kaisi Baithi Vikat Pahadan Me | Lajwanti Pathak |Latest Mata Bhajan 2021
Title: Maiya Ke No Din Bahar Ke
Singer- Lajwanti Pathak
Lyrics: Rukum Singh
Music: Devender Dev
Label - Live Mata Bhajan Sonotek
Digital Work: Wilson & R K Gaur
लाल चोला गोटे की किनारी वाला पहनाकर, घिसा चंदन तिलक लगाकर, गोरी बांहों में हरी चूड़ियां सजाकर भेंट चढ़े। पान सुपारी, ध्वजा नारियल, हलवा पूरी रस मेवा का भोग लगे तो कैसी लगेंगी वो गुफा वाली रूप।
जम्मू के वैष्णो देवी धाम की गर्भज्योति गुफा में मैया का स्वरूप इतना मनमोहक है कि भक्त दूर से ही झूम उठते हैं। नवरात्रों में लाखों पदयात्री आते हैं, चढ़ाई चढ़कर दर्शन पाते हैं, जहां हर सजावट से मां प्रसन्न होकर आशीष बरसाती हैं। ये भेंट न केवल भौतिक है, बल्कि मन की श्रद्धा का प्रतीक है, जो हर दुख हर ले जाती है।
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