माँ का भवन है प्यारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा, चरणी गंगा धारा, माँ का भवन है प्यारा, माँ का भवन है प्यारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा।
ऊपर पर्वत गुफा न्यारी, सज धज बैठी मात प्यारी, सुंदर रूप सलोना माँ का, लागे मन को प्यारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा, चरणी गंगा धारा, माँ का भवन है प्यारा, माँ का भवन है प्यारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा।
भवन की माटी चंदन लगती, दर की हवाएं मां मां जपती, ऊंचे पर्वत आकाश को छूते, अदभुत लागे नजारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा, चरणी गंगा धारा, माँ का भवन है प्यारा, माँ का भवन है प्यारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा।
भवन की शोभा कैसे सुनाऊँ, मन चाहे के यही बस जाऊं, माँ की सेवा करता रहूं मैं, बन जाऊं माँ का प्यारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा, चरणी गंगा धारा, माँ का भवन है प्यारा, माँ का भवन है प्यारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा।
माँ का भवन है प्यारा, स्वर्ग से सुंदर द्वारा, चरणी गंगा धारा, माँ का भवन है प्यारा। जय जय अम्बे माँ।
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