मैं तो कर रही ठाकुर सेवा जी लिरिक्स Main To Kar Rahi Thakur Seva Lyrics
मैं तो कर रही ठाकुर सेवा जी लिरिक्स Main To Kar Rahi Thakur Seva Lyrics
मैं तो व्रत रही ग्यारस को,मैं तो कर रही ठाकुर सेवा जी,
मैं तो व्रत रही ग्यारस को,
मैं तो कर रही ठाकुर सेवा जी।
वहां धर्मराज को पहरो वह तो,
लिख रहे लेखा जोखा जी,
बाबा लेखा पीछे लिखी हो,
मैं तो मरी भूख के मारे जी,
यहां छप्पन भोग रखे हैं,
जी माया ही हो तो खाली जो,
मैं तो व्रत रही ग्यारस को,
मैं तो कर रही तुलसी सेवा जी।
वहां धर्मराज को पहरो वह तो,
लिख रहे लेखा जोखा जी,
बाबा लेखा पीछे लिखी हो,
मैं तो मरी प्यास के मारे जी,
यहां कोरे कलश भरे हैं,
पिलाया ही हो तो पी लीजो,
मैं तो व्रत रही ग्यारस को,
मैं तो कर रही विष्णु सेवा जी।
वहां धर्मराज को पहरो वह तो,
लिख रहे लेखा जोखा जी,
बाबा लेखा पीछे लिखी हो,
मैं तो मरी ठंड के मारे जी,
यहां कंबल भरे पड़े हैं,
उढाया ही हो तो सो जाइए,
मैं तो व्रत रही ग्यारस को,
मैं तो कर रही भोले सेवा जी।
वहां धर्मराज को पहरो वह तो,
लिख रहे लेखा जोखा जी,
बाबा लेखा पीछे लिखिए,
मैं तो मरी गर्मी के मारे जी,
यहां ए सी लगे हुए हैं,
दान करी आई हो तो सो जाइये,
मैं तो व्रत रही ग्यारस को,
मैं तो कर रही गुरु सेवा जी।
मैं तो व्रत रही ग्यारस को,
मैं तो कर रही ठाकुर सेवा जी,
मैं तो व्रत रही ग्यारस को,
मैं तो कर रही ठाकुर सेवा जी।