मन लागो एक फ़क़ीर से, एक जोगी की तस्वीर से, जो तकदीरें लिखता है, मिल गया मुझे तकदीर से, मन लागो रे लागो रे लागो लागो, लागो मन लागो एक फ़क़ीर से।
जाने कैसा जादू है, उस जोगी की मूरत में, राम कभी घनश्याम कभी, देखु इसकी सूरत में, देखु इसकी मूरत में, इस सूरत ने बाँध लिया, मुझे रिश्तो की जंजीर से।
मन लागो रे लागो रे लागो, लागो लागो, मन लागो एक फ़क़ीर से।
इस जोगी के प्रेम में, जोगन बन गई मैं तो, ऐसे में जन्मो जन्मो से, मीरा ये मोहन हो जैसे, ये मोहन हो जैसे, पल पल पग धोऊं मैं, इसके इन नैनो के नीर से मन लागो रे लागो रे लागो, लागो लागो, मन लागो एक फ़क़ीर से।
जिनकी आंखों में लिखा है, श्रद्धा और सबुरी, जाकर उसके गांव में, उससे मिलना बहुत जरूरी है, मिलना बहुत जरूरी, मैं और मेरा मन दोनों है, उसके लिए अधिर से, मन लागो रे लागो रे लागो, लागो लागो, मन लागो एक फ़क़ीर से।
मन लागो | निर्गुण भजन | Man Lago Nirgun Bhajan | Sona Jadhav New Song