मनमोहन कब आओगे लिरिक्स Manmhan Kab Aaoge Lyrics
मनमोहन कब आओगे लिरिक्स Manmhan Kab Aaoge Lyrics
मनमोहन कब आओगे,अखियां तरस रही,
कब दरस दिखाओगे।
मेरे हाथों में कलशा है,
चलो सखी वन को चले,
जहां राम जी का जलसा है,
मेरे मोहन कब आओगे,
मनमोहन कब आओगे।
मेरे हाथ में केला है,
चलो सखी वन को चले,
जहां राम जी का मेला है,
मेरे मोहन कब आओगे,
मनमोहन कब आओगे।
मेरे हाथ में गीता है,
चलो सखी वन को चले,
जहां राम जी की सीता है,
मेरे मोहन कब आओगे,
मनमोहन कब आओगे।
मेरे हाथ में तख्ती है,
चलो सखी वन को चले,
जहां राम जी की शक्ति है,
मेरे मोहन कब आओगे,
मनमोहन कब आओगे।
मेरे हाथ में पेठा है,
सीता जी को ब्याहने चला,
श्री दशरथ का बेटा है,
मेरे मोहन कब आओगे,
मनमोहन कब आओगे।
मेरे हाथ में इमली है,
जनक के हल के तले,
सीता जी निकली हैं,
मेरे मोहन कब आओगे,
मनमोहन कब आओगे।
मनमोहन कब आओगे,
अखियां तरस रही,
कब दरस दिखाओगे।