रहिमन चुप हो बैठिये भजन

रहिमन चुप हो बैठिये भजन

रहिमन चुप हो बैठिये,
देख दिनन के फेर,
रहिमन चुप हो बैठिये,
देख दिनन के फेर,
जब निके दिन आयेंगे,
बनत न लागे देर,
बनत न लागे देर,
रहिमन चुप हो बैठिये,
देख दिनन के फेर।

कबीरा खड़ा बज़ार में,
सबकी मांगै खैर,
ना काहू से दोस्ती,
ना काहू से बैर,
ना काहू से बैर,
रहिमन चुप हो बैठिये,
देख दिनन के फेर।

चलती चाकी देखि के,
दिया कबीरा रोय,
दिया कबीरा रोय,
दो पाटन के बीच में,
साबित बचा ना कोय,
साबित बचा ना कोय,
रहिमन चुप हो बैठिये,
देख दिनन के फेर।

गुरु गोबिंद दोनों खड़े,
काके लागू पाय,
गुरु गोबिंद दोनों खड़े,
काके लागू पाय,
बलिहारी गुरु आपने,
गोबिंद दियो दिखाय,
गोबिंद दियो दिखाय,
रहिमन चुप हो बैठिये,
देख दिनन के फेर।
 


रहिमन चुप हो बैठिए | Rahiman Chup Ho Baithiye | कबीर के दोहे | Nitin Mukesh | Kabir Amritwani

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