राम तजूँ पै गुरु न बिसारूँ लिरिक्स Ram Taju Pe Gun Na Bisaru Lyrics
राम तजूँ पै गुरु न बिसारूँ लिरिक्स Ram Taju Pe Gun Na Bisaru Lyrics
राम तजूँ पै गुरु न बिसारूँ,गुरु के सम हरि कूँ न निहारूँ।
हरि न जन्म दियो जगमगाहीं,
गुरु ने आवागमन छुटाहीं।
हरि ने पांच चोर दिये साथा,
गुरु ने लइ लुटाय अनाथा।
हरि ने कुटुँब जाल में गेरी,
गुरु ने काटी ममता बेरी।
हरि ने रोग भोग उरझायो,
गुरु जोगी कर सबै छुटायो।
हरि ने कर्म मर्म भरमायो,
गुरु ने आतम रूप लखायो।
फिर हरि बंध मुक्ति गति लाये,
गुरु ने सब ही मर्म मिटाये।
चरन दास पर तन मन वारूँ,
गुरु न तजूँ हरि को तजि डारूँ।
राम तजूँ पै गुरु न बिसारूँ,
गुरु के सम हरि कूँ न निहारूँ।