सालासर हनुमान जी म्हारा संकट

सालासर हनुमान जी म्हारा संकट

सालासर हनुमान जी,
म्हारा संकट आज मिटा दो जी,
म्हें भी थारी शरण में आया,
बेड़ा पार लगा दो जी।

राम दूत थे राम भक्त थे,
राम नाम मतवाला हो,
शरणागत की रक्षा करता,
लाल लंगोटे वाला हो,
म्हें भी थारा दास हां बाबा,
म्हाने ना बिसारो जी,
म्हें भी थारी शरण में आया,
बेड़ा पार लगा दो जी।

ईष्ट देव थे म्हारा बाबा,
सालासर हनुमान जी,
थारो नाम ही लेकर,
शुरू करता मैं हर काम जी,
काम कोई ना रुक पाता,
जब लेता थारो नाम जी,
म्हें भी थारी शरण में आया,
बेड़ा पार लगा दो जी।

गांव शहर से पैदल चलकर,
भक्त द्वार पे आवे जी,
मन इच्छा फल द्वार से पाते,
खाली कोई ना जावे जी,
अंजनी की भी आस बाबा,
पूरी थे तो कर दो जी,
म्हें भी थारी शरण में आया,
बेड़ा पार लगा दो जी।

भक्त दुखी थे देख ना पाता,
कलयुग के अवतार जी,
भक्त बुलावे दौड़ा आवो,
देखो ना दिन रात जी,
दिन दुखी दरवाजे आया,
सुनलो थे पुकार जी,
मे भी थारी शरण में आया,
बेड़ा पार लगा दो जी।
 



Salasar Hanuman Ji | सालासर हनुमान जी म्हारा संकट आज मिटा दो जी | Anjani Sarawgi | New Balaji Bhajan

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