तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी,ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
काहे की बांसुरीया,
काहे से सजाई थी,
किसके थे लाल जिसने,
बजाके दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
बांस की बसुरिया,
सोने से गढ़ाई थी,
यशोदा के लाल जिसने,
बजाके दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
काहे की मटकिया,
काहे से भराई थी,
किसके थे लाल जिसने,
फोड़ के दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
माटी की मटकिया,
माखन से भराई थी,
यशोदा के लाल जिसने,
फोड़ के दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
कौन गांव से चली गुजरिया,
कौन गांव को जा रही थी,
किसकी थी नार जिसने,
छेड़ के दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
बरसाने से चली गुजरिया,
नंद गांव को जा रही थी,
यशोदा के लाल जिसने,
छेड़ के दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
काहे की नथुनिया,
काहे से गढ़ाई थी,
किसकी थी नार जिसने,
पहन के दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
सोने की नथुनिया,
हीरे से जड़ाई थी,
राधा जैसी नार जिसने,
पहन के दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
काहे की चुनरिया,
काहे से गढ़ाई थी,
किसकी थी नार जिसने,
पहन के दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
रेशम की चुनरिया,
गोटे से गढ़ाई थी,
कन्हैया की नार जिसने,
ओढ़ के दिखाई थी,
ऐसी बजा जैसी वा दिन बजाई थी,
तेरी बांसुरी श्याम मेरे मन भाई थी।
तेरी बाँसूरी श्याम मेरे मन भाई थी TERI BANSURI SHYAM MERE MAN BHAYI THI