तेरी जय होवे जम्मू आली काली माता

तेरी जय होवे जम्मू आली काली माता रानी भजन

तेरी जय होवे जम्मू आली काली माता लिरिक्स Teri Jay Hove Lyrics
 कलकत्तेयां चलिए,
माता कालका रक़्ते दी तरयाई,
कलकत्तेयां चलिए,
माता कालका रक़्ते दी तरयाई,
अखां माता दियां बनण मसाला,
गज गज लाली छाई,
अखां माता दियां बनण मसाला,
गज गज लाली छाई।

तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे,
तेरी जय होवे पहाड़े आली,
काली माता तेरी जय होवे,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

बड़ी मुंडिया गले ते पैन्दी,
लैंदी हार बनाई,
हो बाहीं माता दे नैंत सोभदा,
तुलसी ठिकरे लाई,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

सवा मन्ना दा खप्पर मैया दा,
ओ भी भरौंदा नाही,
सवा मन्ना दा खप्पर मैया दा,
ओ भी भरौंदा नाही,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

विच्च जम्मुआ दे बहुलोचन ने,
आंदी कालका माई,
बाहु किले विच्च आनी राजे ने,
मन्दर लया बनाई।

करी थापना बौन्दा राजा,
पूजा नित्त रचाई,
ऐ मंगलवार आ जगन रचौन्दा,
औंदी संगत सारी,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

विच्च कटड़े दे वसदी वैष्णो,
जम्मू कालका माई,
विच्च कटड़े दे वसदी वैष्णो,
जम्मू कालका माई,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

सुंदर भवन माता बनेया,
उच्चे पहाड़े जाई,
दूरा दूरा दा संगता औंदीयां,
जय जयकार बुलाई,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

सुखना माता करदी पुरीयां,
दिंदी काज बनाई,
हस्सी हस्सी दर्शन देओ,
मेरी माता सारी संगत आई,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

औंदीयां संगता चढ़न चढाईयां,
बौड़ कालका माई,
जो किछ मंगदे सो किछ मिलदा,
दिंदी वेल बधाई,   
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

मावें गी ओ पुत्र दिंदी,
भैने गी वीर मिलाई,
भुख्खे गी रौज भोजन मिलदा,
नंगे गी वस्त्र लाई,
ऐ सच्चे वचन थोआडे माता,
अम्रत कथा सुनाई,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे,
तेरी जय होवे पहाड़े आली,
काली माता तेरी जय होवे,
तेरी जय होवे जम्मू आली,
काली माता तेरी जय होवे।

Teri Jai Hove Bawe Wali Kali Mata Teri Jai Hove Bhajan By Vijay Ji #vaishnodevi #jaimatadi #bhajan

 
यह गान उस देवी स्वरूप की ओर ले जाता है जो केवल पूजा का विषय नहीं, बल्कि संपूर्ण लोक-जीवन की शक्ति का ध्वज बन चुकी है। काली माता यहाँ उग्रता और करुणा, दोनों के संगम के रूप में प्रकट होती हैं — वह जो विध्वंस में भी सृजन की लय रखती है। “जम्मू वाली काली माता” का यह जयघोष विश्वास का एक जीवंत प्रतीक है, जहाँ श्रद्धा और संस्कार का संगम जनजीवन का हिस्सा बन चुका है। रक्तिम आभा में नृत्यरत यह देवी केवल महाशक्ति नहीं, जीवन के संघर्षों की साक्षी भी है। जिसने भुजाओं में सिरों की माला धारण की, वह केवल संहारक नहीं, अधर्म के विनाश और धर्म की रक्षा का संकल्प herself है। श्रद्धालु जब उन्हें “पहाड़े आली” पुकारता है, तो उससे यह संदेश झलकता है कि हर ऊँचाई, हर कठिन चढ़ाई में देवी ही वह ऊर्जा हैं जो साहस देती हैं।


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