कोई ऐ माँ तेरे दरबार से खाली न गया, न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
जिसने जो कुछ भी माँगा, तो मुरादें पाई, जिसने "माँ" कह के पुकारा, तू सामने आई। होके मायूस, तेरे दर से सवाल़ी न गया, न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
ये वो दरबार है, जिस दर से दया मिलती है,
ये वो दरबार है, जिस दर से शिफ़ा मिलती है। कैसे कह दूँ कि मैं दरबार से पाई न दया, न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
मैं भी आया हूँ तेरे दर पे सवाल़ी होकर, एक उजड़े हुए गुलशन का वो माली होकर। एक भी फूल तेरे दर पे चढ़ाया न गया, न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
अब न छोड़ूँगा कभी, देख ले तेरा आँचल, ले ले गोदी में अपने लाल को फैला आँचल। तेरे आँचल से फिसलकर कोई खाली न गया, न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
कोई ऐ माँ, तेरे दरबार से खाली न गया, न गया माँ, तेरे दरबार से खाली न गया।
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