साखी –समदर सी सतगुरू किया, और दिया अविचल ज्ञान | जहा देखू वहा एक ही , और दूजा नही समान | भजन –गुरु भज लो हो तम भाया ,कोई खयाली ने खयाल रचाया | बदीगर बाग लगाया,तम देखो तमसा भाया ,गुरु आया है हो जी |
1. बीना मूल एक बरगद थाडा, पान फूल नही छाया | म्हारा मन में ऐसी आवे , तोड़ अमर फल खाया | गुरु आया है हो जी |
2. बीना पाल एक सर्वर भारिया, नीर नजर नही आया |
Kabir Bhajan Lyrics in Hindi
म्हारा मन में ऐसी आवे, ज्ञान का गोता खाया | गुरु आया है हो जी |
3.बीना बस एक नटवा नाचे, अजब खेल दरसाया | उपड़ चढ़ के मंगल गावे ,प्रेम का गीत सुनाया। गुरु आया है हो जी |
4. नाभी कमल से ध्यान लगाया, ज्ञान गुरा से पाया | कहे कबीर सुनो भाई साधो,गुरुजी का मंगल गया | गुरु आया है हो जी |
गुरु भजलो रे तम भाया ।। Guru bhajalo re tam bhaya।। kabir Bhajan।। Geeta Parag ||