उसे वक्त भला क्या मारे जिसको औलाद
औलाद के खातिर,
इंसा फिरता है मारा मारा,
उसे वक्त भला क्या मारे,
जिसको औलाद ने मारा।
जिसकी खुशियों की खातिर,
रातों की नींद गवाई,
उसने उसकी खुशियों की,
जीते जी चिता जलाई,
जिसको चाहा था उन्होंने,
इसे जान से ज्यादा प्यारा,
उसे वक्त भला क्या मारे,
जिसको औलाद ने मारा।
खुद सोती मां गिले में,
सूखे में तुझे सुलाया,
खाती थी बाद में,
पहले हाथों से तुझे खिलाया,
अब वह समझ कर उसने,
पाना चाहा छुटकारा,
उसे वक्त भला क्या मारे,
जिसको औलाद ने मारा।
तेरे ही लिए हर चौखट पर,
जिसने शीश झुकाया,
तेरी एक हंसी पर जिसने,
ढेरों प्यार लुटाया,
तेरे जीवन को है सींचा,
तेरे जीवन को है सवारा,
उसे वक्त भला क्या मारे,
जिसको औलाद ने मारा।
मां बाप की इस ममता का,
तूने कैसा कर्ज चुकाया,
जिसने तुझे जन्म दिया है,
उसको तूने ठुकराया,
तुमने बीच भंवर में छोड़ा,
देखे कोई नहीं किनारा,
उसे वक्त भला क्या मारे,
जिसको औलाद ने मारा।
दुख देकर माता पिता को,
कोई भी सुख ना पाया,
उनके चरणों में जग का,
सुख सारा है ये बताया,
उनकी सेवा कर,
जीवन बन जाएगा उजियारा,
उसे वक्त भला क्या मारे,
जिसको औलाद ने मारा।
तेरी औलाद है तेरे संग में,
जब यह बर्ताव करेगी,
मां बाप पर क्या गुजरेगी,
तुझको मालूम पड़ेगी,
उस दिन तु पछताएगा,
भटकेगा मारा मारा,
उसे वक्त भला क्या मारे,
जिसको औलाद ने मारा।
NIRGUN BHAJAN ।।USSE WAQT BHALA KYA MARE JISKO AULAD NA MARA