हरि बिन कूण गती मेरी
हरि बिन कूण गती मेरी,
हरि बिन कूण गती मेरी।
तुम मेरे प्रतिपाल कहियै,
मैं रावरी चेरी,
आदि अंत निज नाँव तेरो,
हीया में फेरी।
बेरि बेरि पुकारि कहूँ,
प्रभु आरति है तेरी,
थौ संसार विकार सागर,
बीच में घेरी।
नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो,
बूड़त है बेरी,
बिरहणि पिवकी बाट जोवै,
राखिल्यौ नेरी।
दासि मीरां राम रटत है,
मैं सरण हूं तेरी,
हरि बिन कूण गती मेरी।
Word meaning
कूण= कौन,
गती= गति,
प्रतिपाल= पालन करने वाले,
रावरी चेरी= तुम्हारी दासी,
नाँव= नाम,
हीय= हृदय,
बेरि बेरि= बार बार,
आरति= आर्ति प्रबल इच्छा,
बिकार= दुःख,
बेरी= बेड़ा,
पिव की= प्रियतम की,
नेरी= पास
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