हेली म्हारी मंदिर में काई डोले भजन Saroj Jangir हेली म्हारी मंदिर में काई डोले भजनहेली म्हारी मंदिर में काई डोले,हेली म्हारी मस्जिद में काई डोले,थारी काया में बसे करतार। मुरतकोर मंदिर में मेली वा मुखड़े नही बोलेवाका दीवान तो दरवाजे ठाडा, बिना हुकम कुण खोले।राम नाम की या बालग उतरी बिन गाहक कुण खोले,मूरख ने काई ज्ञान बतावा राई परवत का ओले New Bhajan 2023 गढ़ पर्वत से गंगा निकली मैली काया धोईले,बिन साबुन से मेल कटे री, मल-मल काया धोइलेजोहरी बाजार लग्यो घट भीतर, मन/दिल चाहे सो लईलेहीरा तो जोहरी ने बिण लिया, मूरख काँकरा तोले/बिणे।नाथ गुलाब मिल्या गुरु पुरा दिल की घुंडी खोले सब जीवों पर कृपा कीन्ही, धर-धर कांटे तोले।हेली म्हारी मंदिर में काई डोलेहेली म्हारी मस्जिद में काई डोलेथारी काया में बसे करतार। हेली म्हारी मंदिर में कई डोले | Heli mhari mandir mein kai dole | Geeta Parag