हे जगदंबे गौरी अंबे मेरे घर भी पधारो


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हे जगदंबे गौरी अंबे मेरे घर भी पधारो

हे जगदंबे गौरी अंबे,
मेरे घर भी पधारो,
महल नहीं कुटिया है मेरी,
रूखी सूखी खा लो।

तुम्हें सजाऊं मैया मैं,
प्राणों के शाश्वत हारों से,
कीर्तन करू तुम्हारा हरदम,
मन वीणा के तारों से,
तुम तो हो माता जगत की,
हमको भी तो सवारों।

हे दुख नाशिनी कष्ट हरो,
करुणामई है नाम तुम्हारा,
हे महालक्ष्मी विष्णु प्रिया,
तुमको पुकारे जग सारा,
हे नारायणी सुरसुंदरी,
मुझको भी तो उबारो।
 



Hey Jagdambe Gauri Ambe | Durga Mata ke Bhajan | Durga Chalisa | आरती अम्बे गौरी 2023
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