कितना पावन सुंदर मैया वैष्णो

कितना पावन सुंदर मैया वैष्णो

कितना पावन सुंदर मैया,
वैष्णो तेरा धाम रे,
आऊ दरश को तेरे मैया,
जपु मैं तेरा नाम रे।

तेरे दरश की अभिलाषा नित,
मन में मेरे होती,
कितनी सुंदर गुफा तुम्हारी ,
नित जलती जहाँ ज्योति,
पिंडी रूप में बैठी मैया,
करती सबको निहाल रे,
आऊ दरश को तेरे मैया।

तेरे दर पर दीन दुखी का,
कटता संकट सारा,
पल में भरदी झोली उसकी,
जो जग से था हारा,
अरुण भी तेरे दरश का प्यासा,
कर रहा गुणगान रे,
आऊ दरश को तेरे मैया।

कितना पावन सुंदर मैया,
वैष्णो तेरा धाम रे,
आऊ दरश को तेरे मैया,
जपु मैं तेरा नाम रे।
 


माता रानी जी का खूबसूरत भजन | Kitna Pawan Sundar Maiya | कितना पावन सुंदर मैया | Bhajan With

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