मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया
नरसी केवे सांवरा,तू एक बार मड़वा आव,
थारो मारो एक नातो,
थारा भगता उपर भार।
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे,
अरे लाज गमाई रे सांवरिया,
लाज गमाई रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे।
सब रे लोगा रे तो लाडू ने पेड़ा,
बरफी न्यारी हो,
नरसी भगत रे तो,
खाटोड़ी राबड़ी,
नरसी भगत रे तो,
खाटोड़ी राबड़ी,
तीन डडो री रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे।
सब रे लोगो रे महल मालिया,
बंगला न्यारा रे,
नरसी भगत रे तो,
टूटोड़ी री झुपड़ी,
नरसी भगत रे तो,
टूटोड़ी री झुपड़ी,
बीच मे बरी रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे।
सब रे लोगा रे तो घिरत पत्राना,
तकिया न्यारा रे,
नरसी भगत रे तो फतोड़ी रली,
नरसी भगत रे तो फतोड़ी रली,
बीच मे तो कारी रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे।
केवे नरसीडो सुन मारा सांवरा,
अर्जी मारी रे,
बाई नेनी रो भरदे मायरो,
बाई नेनी रो भरदे मायरो,
मर्ज़ी थारी रे,
मोड़ो घणो आयो रे सांवरिया,
थे मारी लाज गमाई रे।
MUKESH THINGOR 23.01.18 Mundra