ओ मेरे दीनानाथ माला तो फेरूं थारी जी
ओ मेरे दीनानाथ माला तो फेरूं थारी जी
ओ मेरे दीनानाथ,माला तो फेरूं थारी जी,
नाम करन को बेटा दीजो,
काम करन को बहुअर जी,
ये दो चीजें देता रहियो,
काली कमली वाले जी।
हाथ पकड़न को पोता दीजो,
दान करन को पोती जी,
ये दो चीजें देता रहियो,
काली कमली वाले जी।
दो रोटी सबेरे दीजो,
ऊपर घी को लोना जी,
ये दो चीजें देता रहियो,
काली कमली वाले जी।
दो रोटी दोपहर को दीजो,
भरो कटोरा साग जी,
ये दो चीजें देता रहियो,
काली कमली वाले जी।
दो रोटी संझा को दीजो,
भरो कटोरा दूध जी,
ये दो चीजें देता रहियो,
काली कमली वाले जी।
गंगा जी को नहान दीजो,
हरि की पौड़ी दर्शन जी,
ये दो चीजें देता रहियो,
काली कमली वाले जी।
तुलसा जी को बिड़ला दिजो,
श्री कृष्ण को कांधा जी,
ये दो चीजें देता रहियो,
काली कमली वाले जी।
चारों रास्ता साफ दीजो,
बैकुंठा को वास जी,
आगे आगे आप चालो,
पीछे डोला मेरो जी,
ओ मेरे दीनानाथ।
काम करण को बेटा दीजो,
नामकरण को भंवर जी,
यह दो चीजें देता रहीयो,
काली कमली वाले जी।
with lyrics सत्संगी भजन ।।एक बुढिया माई भगवान से क्या क्या मांग रही है