सांवरिये की लाठी में आवाज़
सांवरिये की लाठी में आवाज़
सांवरिये की लाठी में,आवाjकभी ना आएगी,
सब दरवाजे बंद मिलेंगे,
जिस दिन ये पड़ जाएगी,
सांवरिये की लाठी में,
आवाज़ कभी ना आएगी।
तुझ से अच्छा कोई नहीं है,
दर पे दिखावा करता है,
धीरे धीरे घड़ा पाप का,
इस दुनिया में भरता है,
जितनी भी तू अकड़ दिखाले,
जितनी भी तू अकड़ दिखाले,
धरी यही रह जाएगी,
सब दरवाजे बंद मिलेंगे,
जिस दिन ये पड़ जाएगी,
सांवरिये की लाठी में,
आवाज़ कभी ना आएगी।
स्वार्थ में तू अंधा हो कर,
भूल गया रिश्ते नाते,
समझ में आती है बस तुझको,
अपने मतलब की बातें,
चाहे जितनी जोड़ ले दौलत,
चाहे जितनी जोड़ ले दौलत,
धरी यही रह जाएगी,
सब दरवाजे बंद मिलेंगे,
जिस दिन ये पड़ जाएंगी,
सांवरिये की लाठी में,
आवाज़ कभी ना आएगी।
खाटू वाले के ख़ातिर तो,
प्रेमी सभी बराबर है,
एक तराजू सबको तोले,
नजर श्याम की सब पर है,
जैसा भाव लाएं सांवरिया,
जैसा भाव सचिन लाए,
वैसी झोली भर जाएगी,
सब दरवाजे बंद मिलेंगे,
जिस दिन ये पड़ जाएगी,
सांवरिये की लाठी में,
बोलो श्याम बोलो श्याम,
श्याम श्याम श्याम।