साखी- हरी हीरा जन जोहरी, और ले ले मांडी हाट। ऐसे मिले कोई पारखी, और तब हीरो की साठ।
2. हीरा पड़ा बाजार मे, और रहा छार लिपटाय। कितने ही मुरख पची गए, कोई बिरला लेगा उठाए। भजन - थारा भरिया समन माई हीरा, मर्जी वाला लाविया। थारा घट माई ज्ञान का जंजीरा, मालिक सुलझाविया 1. यो मन लोभी लालची रे, यो मन कालू किर। भरम की जाल चलावे रे हा.....।
New Bhajan 2023
2. बागा जो बागा कोयल बोले, बन माई बोले रूड़ा मोर। सावन वाली लेहरा सी आवे रे हा....।
3. घास फूस सब जली गया रे, रायगी सावन वाली तीज। कोई तो दिन उलट आवे रे हा....।
4 गोला छुटिया हैं गुरु ज्ञान का रे, कायर भागियो जाय। सुरमा सम्मुख रेणा रे हा....।
5. गुरु रामानंद की फौज में रे, सन्मुख लड़े रे कबीर। सबद वाला बाण चलाया रे हा....।
थारा भरिया समंद माई हीरा ll Thara bhariya samand mai Kabir Bhajan llGeeta Parag Sas Bahu