आदियोगी भजन दूर उस आकाश की Saroj Jangir आदियोगी भजन दूर उस आकाश कीदूर उस आकाश की गहराइयों में,एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं,मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी,योग के स्पर्श से अब योगमय करना है तन मन,साँस सास्वत सनन सनननन,प्राण गुंजन धनन धन धन,उतरे मुझमे आदियोगी,योग धारा चलत छण छण, साँस सास्वत सनन सनननन,प्राण गुंजन धनन धन धन,उतरे मुझमे आदियोगी,उतरे मुझमे आदियोगी ।पीस दो अस्तित्व मेरा,और कर दो चूरा चूरा,पूर्ण होने दो मुझे और,होने दो अब पूरा पूरा, Naye Bhajan 2023 Lyrics भस्म वाली रस्म कर दो आदियोगी,योग उत्सव रंग भर दो आदियोगी,बज उठे यह मन सितरी,झणन झणन झणन झणन झन झन ।साँस सास्वत सनन सनननन,प्राण गुंजन धनन धन धन,साँस सास्वत सनन सनननन,प्राण गुंजन धनन धन धन । साँस सास्वत सनन सनननन,प्राण गुंजन धनन धन धन ।साँस सास्वत,प्राण गुंजन,उतरे मुझमे आदियोगी,योग धारा छलक छन छन,साँस सास्वत सनन सनननन,प्राण गुंजन धनन धन धन,उतरे मुझमे आदियोगी,उतरे मुझमे आदियोगी । Adiyogi || Kailash kher || Live performance || PM Modi || Sadhguru