हम प्रेम दीवानी है वो प्रेम दीवाना है
हम प्रेम दीवानी है वो प्रेम दीवाना है
हम प्रेम दीवानी है,वो प्रेम दीवाना है,
उधो हमें ज्ञान की,
पोथी ना सुनाना।
तन मन जीवन श्याम का,
श्याम हमारा काम,
रोम रोम में राम रहा,
वो मतवाला श्याम,
इस तन में तेरे योग का,
नहीं कोई ठिकाना,
हम प्रेम दिवानी है,
वो प्रेम दीवाना है,
उधो हमें ज्ञान की,
पोथी ना सुनाना।
उधो इन असुवान को,
हरी सनमुख ले जाओ,
पूछे हरी कुशल तो,
चरणों में दीयो चढाओ,
कहियो जी इस प्रेम का,
यह तुच्छ नजराना,
हम प्रेम दिवानी है,
वो प्रेम दीवाना है,
उधो हमें ज्ञान की,
पोथी ना सुनाना।
प्रेम डोर से बंध रहा,
जीवन का संयोग,
सुमिरन में डूबी रहें,
यही हमारा योग,
कानो में गूंजता करे,
बंशी का तराना,
हम प्रेम दिवानी हैं,
वो प्रेम दीवाना है,
उधो हमें ज्ञान की,
पोथी ना सुनाना।
एक दिन नैन के निकट,
रहते थे आठों याम,
अब बैठे है विसार के,
वो निर्मोही श्याम,
कैसा वो जमाना था,
और अब ये जमाना,
हम प्रेम दिवानी हैं,
वो प्रेम दीवाना है,
उधो हमें ज्ञान की,
पोथी ना सुनाना।
Hum Prem Diwani Hai O Prem Diwana || हम प्रेम दीवानी है ओ प्रेम दीवाना || (BHAJAN) By - Shri VinodJi