जब तू ही तू है सबमें बसा
जब तू ही तू है सबमें बसा
जब तू ही तू है सबमें बसा,
फिर कौन भला और कौन बुरा।
हर चीज में जलवा तेरा ही,
मुझे नज़र आया इन आँखों से,
एक बार जो देखा पर्दा हटा।
फिर कौन भला और कौन बुरा।।
**
किस चीज़ से अब मैं प्यार करूं,
और ठोकर से ठुकराऊं किसे,
जब दिल से द्वैत का भेद मिटा।
फिर कौन भला और कौन बुरा।।
**
फिर सुखदुख, रोनाहँसना क्या,
और जीवन~मरण बिछौना क्या,
जब सबमें है प्रभु तेरी रज़ा।
फिर कौन भला और कौन बुरा।।
फिर कौन भला और कौन बुरा।
हर चीज में जलवा तेरा ही,
मुझे नज़र आया इन आँखों से,
एक बार जो देखा पर्दा हटा।
फिर कौन भला और कौन बुरा।।
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किस चीज़ से अब मैं प्यार करूं,
और ठोकर से ठुकराऊं किसे,
जब दिल से द्वैत का भेद मिटा।
फिर कौन भला और कौन बुरा।।
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फिर सुखदुख, रोनाहँसना क्या,
और जीवन~मरण बिछौना क्या,
जब सबमें है प्रभु तेरी रज़ा।
फिर कौन भला और कौन बुरा।।
Sankirtan | Jab Tu Hi Tu | Kankeshwari Devi
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Admin - Saroj Jangir
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