बहुत जतन करि कीजिए सब फल जाय नसाय मीनिंग कबीर के दोहे

बहुत जतन करि कीजिए सब फल जाय नसाय मीनिंग Bahut Jatan Kari Kijiye Sab Phal Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Meaning

बहुत जतन करि कीजिए, सब फल जाय नसाय।
कबीर संचै सूम धन, अन्त चोर लै जाय।। 
 
Bahut Jatan Kari Kijiye, Sab Phal Jay Nashay,
Kabir Sanche Sum Dhan, Ant Chor Le Jaay.
 
बहुत जतन करि कीजिए सब फल जाय नसाय मीनिंग Bahut Jatan Kari Kijiye Sab Phal Meaning
 

कबीर के दोहे का हिंदी में अर्थ / भावार्थ Kabir Doha Hindi Meaning

कबीर साहेब कहते हैं की कंजूस का इकठ्ठा किया हुआ धन आखिर में चोर चोरी करके ले जाता है। धन जिसे जीवात्मा पूरी जिंदगी भर में इकठ्ठा करती है वह अंत में समाप्त हो जाता है, धन का यही नियम है। अतः कबीर साहेब का सन्देश है की मानव जो धन संग्रह नहीं करना चाहिए। कबीर साहेब ने माया के सम्बन्ध में सुन्दर विचार व्यक्त किया है की जिंदगी भर लोग माया के संग्रह के लिए संघर्षशील रहते हैं, रिश्ते नाते और तमान नैतिकता और मानवता को ताक पर रखकर भी माया/धन को जोड़ने में लगे रहते हैं. लेकिन साहेब कहते हैं की अंत में क्या होना है, सभी संचित धन रूपी फल का अंत हो जाना है. कंजूस व्यक्ति धन का संचय करता है और अंत में चोर उसे चोरी कर लेता है !

 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

+

एक टिप्पणी भेजें