चकनाचूर भयो दरबार रघुवर बैठे सिंहासन लिरिक्स Chakanachur Bhayo Darbar Lyrics
चकनाचूर भयो दरबार रघुवर बैठे सिंहासन लिरिक्स Chakanachur Bhayo Darbar Lyrics
चकनाचूर भयो दरबार,रघुवर बैठे सिंहासन पर,
चकनाचूर भयो दरबार,
रघुवर बैठे सिंहासन पर।
एक कहने लगा सिपाही,
मेरी टेर सुनो रघुराई,
तुमको चर्च रहा संसार,
रघुवर बैठे सिंहासन पर।
एक धोवी आज नगर में,
धोवन से लड़ रहा घर में,
तू पर घर क्यों गई मेरी नार,
रघुवर बैठे सिंहासन पर।
मैं ऐसा ना रघुराई,
सिया रावण घर रह आई,
फिर भी ली राम ने राख,
रघुवर बैठे सिंहासन पर।
जब सुनी सेवक की वाणी,
भर गया और आंख में पानी,
लक्ष्मण जी ने तुरंत बुलाए,
रघुवर बैठे सिंहासन पर।
सुन लक्ष्मण मेरे भाई,
सिया वन में देओ भिजवाई,
हमको चर्च रहा संसार,
रघुवर बैठे सिंहासन पर।