नैना तरसे बाँवरे छवि दिखलाओ श्याम

नैना तरसे बाँवरे छवि दिखलाओ श्याम

 नैना तरसे बाँवरे, छवि दिखलाओ श्याम,
मेरे अपने प्राणजी, हे नैनन अभिराम।।

हे नैनन अभिराम, नंद के लाल बिहारी,
छोड़ जगत का सार, गहि अब शरण तिहारी।।

करो कृपा की कोर, सुना दो मीठी वैना,
हरि, सुना दो तान, बाँवरे तरसे नैना।।

माना मैं इस योग्य नहीं, कि तेरी कुछ कहलाऊँ,
माना मैं इस योग्य नहीं, धर भेंट तुम्हें अपनाऊँ।।

माना मैं इस योग्य नहीं, निज भाव तुम्हें समझाऊँ,
मधुर तान नहीं, रूप मान नहीं, फिर कैसे तुम्हें रिझाऊँ।।

पर लोग कहें, मैं तेरी चाकर, मैं दर-दर ठोकर खाऊँ,
ना तरसा मेरे बाँके प्रियतम, मैं तेरी हो इतराऊँ।।

हरि, कब होगा मिलन हमारा?
हरि, कब होगा मिलन हमारा?


Nikunj Kamra Bhajan || नैना तरसे बाँवरे, छवि दिखलाओ श्याम! || MUST WATCH
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