मनमोहन मुरलिया बजा रहे

मनमोहन मुरलिया बजा रहे

मनमोहन मुरलिया बजा रहे,
बदनामी हमारी करा रहे,
मनमोहन मुरलिया बजा रहे,
बदनामी हमारी करा रहे।

सोने के मुकुट धारे हैं महलन में,
आंखों के मुकुट सजाए रहे,
बदनामी हमारी करा रहे,
मनमोहन मुरलिया बजा रहे,
बदनामी हमारी करा रहे।

सोने की मुरली धरी है मंदिर में,
बांस की बसुरिया बजाए रहे,
बदनामी हमारी कराए रहे,
मनमोहन मुरलिया बजा रहे,
बदनामी हमारी करा रहे।

पीला पितांबर धरे हैं बक्से में,
सखियों के चीर चुराए रहे,
बदनामी हमारी कराए रहे,
मनमोहन मुरलिया बजा रहे,
बदनामी हमारी करा रहे।

अपनी तो दहिया धारी है छिके पे,
ग्वालो की दहिया खाए रहे,
बदनामी हमारी कराए रहे,
मनमोहन मुरलिया बजा रहे,
बदनामी हमारी करा रहे।

अपनी तो गैया बंधी खिरकन में,
औरो की गैया चराए रहे,
बदनामी हमारी कराए रहे,
मनमोहन मुरलिया बजा रहे,
बदनामी हमारी करा रहे।

अपनी तो राधा बैठी मंदिर में,
रुक्मण से ब्याह रचाए रहे,
बदनामी हमारी कराए रहे,
मनमोहन मुरलिया बजा रहे,
बदनामी हमारी करा रहे।
 



MANMOHAN MURALIYA BAJA RAHE BADNAMI HUMARI KARA RAHE।। मनमोहन मुरलिया बजा रहे बदनामी हमारी करा रहे
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