तुमने ठुकराया कान्हा तो कहां पर जाऊंगा
तुमने ठुकराया कान्हा तो कहां पर जाऊंगा
तुमने ठुकराया कान्हा,तो कहां पर जाऊंगा,
नाम ले लेकर तेरा मर जाऊंगा,
तुमने ठुकराया कान्हा,
तो कहां पर जाऊंगा।
हे दयामय कर दया की भीख दो,
हाथ किसके दर पे जा फैलाऊंगा,
नाम ले लेकर तेरा मर जाऊंगा।
जिंदगी पापो में सारी कट गई,
किस तरह मुंह आपको दिखलाऊंगा,
नाम ले लेकर तेरा मर जाऊंगा।
मुझको ना तारो मुझे दो कुछ सजा,
पापियों में नाम मैं कर जाऊंगा,
नाम ले लेकर तेरा मर जाऊंगा।
हे श्यामा मेरी खता सब माफ कर,
उम्र सारी गीत तेरे गाऊंगा,
नाम ले लेकर तेरा मर जाऊंगा
दर्द भरा कृष्णा भजन। दुनिया ने ठुकराया कहाँ जाऊँ में सरकार | Sharaddha Pandey |
कृष्ण को कान्हा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका जन्म वृंदावन में हुआ था, जो कि गोकुल के पास एक गोचर भूमि थी। गोचर भूमि में गायें और बछड़े रहते थे, और कान्हा भी गोप बालकों के साथ गोचर भूमि में खेलते थे। गोप बालकों ने उन्हें कान्हा नाम दिया, जिसका अर्थ है "बछड़ा"।
इसके अलावा, कृष्ण का जन्म एक गाय के गोबर से बने चरने में हुआ था। गोबर के चरने में जन्म लेने के कारण भी उन्हें कान्हा कहा जाता है। कृष्ण के बाल रूप को कान्हा के रूप में भी जाना जाता है। बाल कान्हा घुटनों के बल चलते हैं और मक्खन और दही खाते हैं। कान्हा का बाल रूप बहुत ही प्यारा और मनमोहक होता है।
इसके अलावा, कृष्ण का जन्म एक गाय के गोबर से बने चरने में हुआ था। गोबर के चरने में जन्म लेने के कारण भी उन्हें कान्हा कहा जाता है। कृष्ण के बाल रूप को कान्हा के रूप में भी जाना जाता है। बाल कान्हा घुटनों के बल चलते हैं और मक्खन और दही खाते हैं। कान्हा का बाल रूप बहुत ही प्यारा और मनमोहक होता है।
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