वो मेरा डमरूवाला वाला है जी लिरिक्स Wo Mera Damaruwala Hai Lyrics
वो मेरा डमरूवाला वाला है जी लिरिक्स Wo Mera Damaruwala Hai Lyrics
जय जय शम्भू जय शिव भोला,जब जब तेरा डमरू बोला,
नाचे धरती अम्बर डोला,
पहना है तेरे नाम का चोला,
प्रेम का रस हर दिल में बोला,
जय जय शम्भू जय शिव भोला,
जय जय शम्भू जय शिव भोला।
पर्वत पर्वत वास करे जो,
मस्त मलंग मतवाला है,
मस्त मलंग मतवाला है,
मस्त मलंग मतवाला है,
कंकर कंकर है जिसका घर,
जो सबका रखवाला है,
वो मेरा डमरूवाला वाला है जी,
मेरा डमरूवाला है,
वो मेरा डमरूवाला वाला है जी,
मेरा डमरूवाला है।
जय जय शम्भू जय शिव भोला,
जब जब तेरा डमरू बोला,
नाचे धरती अम्बर डोला,
पहना है तेरे नाम का चोला,
प्रेम का रस हर दिल में बोला,
जय जय शम्भू जय शिव भोला,
जय जय शम्भू जय शिव भोला।
पर्वत पर्वत वास करे जो,
मस्त मलंग मतवाला है,
कंकर कंकर है जिसका घर,
जो सबका रखवाला है,
वो मेरा डमरूवाला वाला है,
जी मेरा डमरूवाला है,
वो मेरा डमरूवाला वाला है जी,
मेरा डमरूवाला है।
मेरा डमरूवाला Mera Damroowal
शिव जी के डमरू का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। डमरू शिव जी के हाथ में हमेशा दिखाई देता है। डमरू को संगीत और सृष्टि का प्रतीक माना जाता है।
शिव जी के डमरू के महत्व को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है:
संगीत का प्रतीक: डमरू को संगीत का प्रतीक माना जाता है। शिव जी के डमरू की ध्वनि से ब्रह्मांड में संगीत की उत्पत्ति हुई।
सृष्टि का प्रतीक: डमरू को सृष्टि का प्रतीक भी माना जाता है। शिव जी ने डमरू बजाकर ब्रह्मांड की रचना की।
मोक्ष का प्रतीक: डमरू को मोक्ष का प्रतीक भी माना जाता है। शिव जी के डमरू की ध्वनि भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति कराती है।
शक्ति का प्रतीक: डमरू को शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है। शिव जी के डमरू की ध्वनि से बुराई और अधर्म का नाश होता है।
आशीर्वाद का प्रतीक: डमरू को आशीर्वाद का प्रतीक भी माना जाता है। शिव जी के डमरू की ध्वनि भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती है। शिव जी के डमरू की ध्वनि अत्यंत शक्तिशाली होती है। यह ध्वनि ब्रह्मांड में फैल जाती है और सभी को प्रभावित करती है। शिव जी के डमरू की ध्वनि से भक्तों का मन शांत होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव जी के डमरू का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह डमरू भक्तों के लिए आशीर्वाद और शक्ति का प्रतीक है।
शिव जी के डमरू के महत्व को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है:
संगीत का प्रतीक: डमरू को संगीत का प्रतीक माना जाता है। शिव जी के डमरू की ध्वनि से ब्रह्मांड में संगीत की उत्पत्ति हुई।
सृष्टि का प्रतीक: डमरू को सृष्टि का प्रतीक भी माना जाता है। शिव जी ने डमरू बजाकर ब्रह्मांड की रचना की।
मोक्ष का प्रतीक: डमरू को मोक्ष का प्रतीक भी माना जाता है। शिव जी के डमरू की ध्वनि भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति कराती है।
शक्ति का प्रतीक: डमरू को शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है। शिव जी के डमरू की ध्वनि से बुराई और अधर्म का नाश होता है।
आशीर्वाद का प्रतीक: डमरू को आशीर्वाद का प्रतीक भी माना जाता है। शिव जी के डमरू की ध्वनि भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती है। शिव जी के डमरू की ध्वनि अत्यंत शक्तिशाली होती है। यह ध्वनि ब्रह्मांड में फैल जाती है और सभी को प्रभावित करती है। शिव जी के डमरू की ध्वनि से भक्तों का मन शांत होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिव जी के डमरू का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह डमरू भक्तों के लिए आशीर्वाद और शक्ति का प्रतीक है।